Mother Dairy ब्रेड सेगमेंट में उतरी, लॉन्च की 3 तरह की ब्रेड, 2025 तक 25,000 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य

Mother Dairy ने तीन तरह की ब्रेड लॉन्च की है। सेंडविच ब्राउन और फ्रूट एंड मिल्क। ये 15 रुपये से 40 रुपये प्रति कैकेट की प्राइस रेंज में हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 04:56 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2020 08:15 AM (IST)
Mother Dairy ब्रेड सेगमेंट में उतरी, लॉन्च की 3 तरह की ब्रेड, 2025 तक 25,000 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य
Mother Dairy ब्रेड सेगमेंट में उतरी, लॉन्च की 3 तरह की ब्रेड, 2025 तक 25,000 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य

नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रमुख दूध सप्लायर कंपनी मदर डेयरी (Mother Dairy) ने गुरुवार को ब्रेड सेगमेंट में कदम रख दिया है। कंपनी ने यह कदम अपनी व्यापार में विविधता लाने की रणनीति के तहत उठाया है। साथ ही कंपनी ने घोषणा की है कि उसका लक्ष्य अगले पांच साल में अपने राजस्व को दोगुने से भी अधिक कर 25,000 करोड़ रुपये तक ले जाना है। मदर डेयरी ने तीन तरह की ब्रेड लॉन्च की है। सेंडविच, ब्राउन और फ्रूट एंड मिल्क। ये 15 रुपये से 40 रुपये प्रति पैकेट की प्राइस रेंज में हैं।

ये ब्रेड शुरुआती दौर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में मदर डेयरी के 1,800 मिल्क बूथ्स और सफल आउटलेट्स पर उपलब्ध होंगी। कंपनी ने अगले तीन साल में ब्रेड सेगमेंट से 100 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है। मदर डेयर फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संग्राम चौधरी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में रिपोटर्स को बताया, 'हम ब्रेड की लॉन्चिंग के साथ मिठाई और बेकरी सेगमेंट में विभिन्नता ला रहे हैं।'

उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत में ब्रेड मार्केट के आकार का अनुमान 5,300 करोड़ है और यह पिछले पांच सालों से औसतन 10 फीसद की दर से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा खपत सफेद ब्रेड की है। चौधरी ने कहा कि कंपनी पांच तरह की मिठाइयों के साथ बजार में 20 नए उत्पाद लायी है। कंपनी के मौजूदा टर्नओवर और भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मदर डेयरी का मौजूदा सालाना राजस्व करीब 10,000 से 11,000 करोड़ रुपये का है।

उन्होंने कहा, 'हम साल 2025 तक 25,000 करोड़ के राजस्व के लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल कोविड-19 के चलते ग्रोथ धीमी रह सकती है।' उन्होंने कहा कि महामारी के कारण खपत का पैटर्न काफी बदल गया है। लोग उत्पादों की होम डिलीवरी पसंद कर रहे हैं।

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