सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत लाभार्थियों का आधार अनिवार्य, असंगठित क्षेत्र में शामिल लोगों का डाटाबेस बनाना है मुख्य मकसद

मंत्रालय की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत सेवाओं के लिए हालांकि आधार को अनिवार्य नहीं किया गया है क्योंकि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को अभी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। मंत्रालय ने संहिता के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 06:41 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:47 AM (IST)
सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत लाभार्थियों का आधार अनिवार्य, असंगठित क्षेत्र में शामिल लोगों का डाटाबेस बनाना है मुख्य मकसद
प्रतीकात्मक तस्वीर P C : File Photo

नई दिल्ली, पीटीआइ। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत पंजीकरण कराने, लाभ लेने, सेवाएं हासिल करने या विभिन्न योजनाओं में कोई भुगतान प्राप्त करने वाले कर्मचारियों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों जैसे लोगों से 12 अंकों का उनका आधार नंबर लेना श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में सरकार ने तीन मई को अधिसूचना जारी कर दी है।

Section 142 of the Social Security Code, 2020 has been notified by Ministry of Labour & Employment covering applicability of Aadhaar.https://t.co/zP5uD4f3Sw" rel="nofollow

— Ministry of Labour (@LabourMinistry) May 5, 2021

मंत्रालय की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत सेवाओं के लिए हालांकि आधार को अनिवार्य नहीं किया गया है, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 को अभी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। मंत्रालय ने संहिता के तहत नियमों को अंतिम रूप तो दे दिया है, लेकिन इन नियमों को अधिसूचित किया जाना अभी बाकी है। मंत्रालय के लिए आधार नंबर लेना अनिवार्य करने का मुख्य मकसद प्रवासी कामगारों जैसे असंगठित क्षेत्र में शामिल लोगों का डाटाबेस बनाना है।

सामाजिक सुरक्षा संहिता को संसद ने पिछले साल मंजूरी प्रदान की थी। नौ श्रम कानून इसमें समाहित हो जाएंगे। इनमें कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923; कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948; कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रविधान अधिनियम, 1952; रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959; मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961; ग्रेच्युटी का भुगतान अधिनियम, 1972; सिने कामगार कल्याण कोष अधिनियम, 1981; इमारत एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 और असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 शामिल हैं।

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