Manufacturing PMI: मई में भी विनिर्माण गतिविधियों में संकुचन, नौकरियों पर आई आफत

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से फैक्टरी की गतिविधियों में भारी कमी देखने को मिली है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 11:33 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 07:36 AM (IST)
Manufacturing PMI: मई में भी विनिर्माण गतिविधियों में संकुचन, नौकरियों पर आई आफत
Manufacturing PMI: मई में भी विनिर्माण गतिविधियों में संकुचन, नौकरियों पर आई आफत

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में मई में भी भारी गिरावट देखने को मिली। अप्रैल में विनिर्माण गतिविधियों में रिकार्ड गिरावट के बाद नए ऑर्डर में कमी आई है। दूसरी ओर कंपनियां अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे त्वरित गति से कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, इससे मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि भारत में पिछले महीने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में अप्रैल के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। मई में Manufacturing PMI 30.8 पर रहा, जो अप्रैल में 27.4 पर था। IHS Markit की ताजा रिपोर्ट में यह कहा गया है। 

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लगातार दूसरे महीने पीएमआई में संकुचन

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से फैक्टरी की गतिविधियों में यह भारी कमी देखने को मिली है। पीएमआइ की बात की जाए तो 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे के आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।

उल्लेखनीय है कि लगातार 32 महीने तक वृद्धि के बाद अप्रैल में पीएमआइ में संकुचन देखने को मिला था। IHS Markit में इकोनॉमिस्ट इलियट केर्र ने हालिया रिपोर्ट के बारे में कहा है, ''पीएमआइ के ताजा आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में मई में गिरावट देखने को मिली है।''

मई में कर्मचारियों की छंटनी की दर सबसे ज्यादा

इस सर्वे के मुताबिक अप्रैल में रिकॉर्ड गिरावट के बाद कमजोर मांग की वजह से आउटपुट में कमी आई है। दूसरी तरफ सर्वे के शुरू होने के बाद से अब तक की सबसे तेज दर से कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी से हटा रही हैं। इस सर्वे की शुरुआत 15 साल पहले हुई थी।

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केर्र ने कहा कि मई में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट कंपनियों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को दिखाते हैं, जिनका सामना उनका रिकवरी के दौरान करना पड़ सकता है। महामारी को लेकर जारी अनिश्चितता के कारण मांग में अब भी नरमी बनी हुई है। 

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