ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों पर चला सरकार का डंडा, नोटिस के साथ तगड़ा जुर्माना भी लगाया

E-Commerce कंपनियों पर सरकार का हथौड़ा चला है। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर सूचीबद्ध उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग के स्रोत देश यानि Made in India जैसे Country of Origin के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर बीते एक साल में 202 नोटिस जारी किए हैं।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 07:57 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:57 AM (IST)
ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों पर चला सरकार का डंडा, नोटिस के साथ तगड़ा जुर्माना भी लगाया
ये नोटिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित हैं। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। E-Commerce कंपनियों पर सरकार का हथौड़ा चला है। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर सूचीबद्ध उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग के स्रोत देश यानि Made in India जैसे Country of Origin के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर बीते एक साल में 202 नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित हैं। कपड़ा और घरों में इस्‍तेमाल होने वाले उत्पादों पर भी नोटिस जारी किए गए हैं। कुल 217 नोटिसों में से 202 नोटिस मैन्युफैक्चरिंग स्रोत देश से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर दिए गए।

शेष 15 नोटिस मियाद-समाप्ति की तारीख, मैन्युफैक्चरर/आयातक के पते की गलत जानकारी, अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा वसूलना, गैर-मानक इकाइयां और शुद्ध मात्रा में गड़बड़ी को लेकर दिए गए। हालांकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन ई-कॉमर्स कंपनियों का नाम नहीं बताया, जिन्हें नोटिस दिए गए हैं।

यह पूछने पर कि आखिर सरकार नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के नाम क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही, उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि हम इसके जरिए कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को सतर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के संदर्भ में वह सब किया जाता है, जो कानूनी रूप से बनाए रखने योग्य है। और उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों को जानने की जरूरत है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की मुख्य आयुक्त और मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा कि लगभग 76 कंपनियों ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और उनसे नियमों के उल्लंघन को लेकर 42,85,400 रुपये वसूले गए।

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