INR Rate, Gold Price forecast: जानिए आने वाले दिनों में कैसी रहने वाली है भारतीय रुपये और सोने की चाल

INR Rate Gold Price forecast क्रूड ऑयल की कीमतों में आने वाले समय में तेजी आने के आसार हैं जिससे रुपया कमजोर होगा और इसका असर सोने की कीमतों में बढ़ोत्तरी के रूप में दिखायी देगा

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 02:41 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 10:50 AM (IST)
INR Rate, Gold Price forecast: जानिए आने वाले दिनों में कैसी रहने वाली है भारतीय रुपये और सोने की चाल
INR Rate, Gold Price forecast: जानिए आने वाले दिनों में कैसी रहने वाली है भारतीय रुपये और सोने की चाल

नई दिल्ली, पवन जायसवाल। जब भी बाजार के उतार-चढ़ाव की बात होती है, तो सोना और रुपया बहुत महत्वपूर्ण फैक्टर होते हैं। वैश्विक और घरेलू घटनाक्रमों का इन दोनों पर सीधा असर पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि आने वाले दिनों में सोने और भारतीय रुपये की चाल कैसी रहने वाली है। अगर हम बात सोने और रुपये के बीच संबंध की करें, तो ये दोनों एक दूसरे के विरोधाभासी हैं। अर्थात जब रुपया मजबूत होता है, तो सोने में गिरावट देखने को मिलती है, और जब रुपया कमजोर होता है, तो सोने में तेजी देखी जाती है।

आने वाले समय में महंगा होगा सोना

आने वाले समय में सोने की कीमतों को काफी सपोर्ट मिलने के आसार हैं। इसके लिए वैश्विक और घरेलू दोनों कारण जिम्मेदार होंगे। केडिया एडवाइजरी के मैनेजिंग डायरेक्टर और रिसर्च हेड अजय केडिया के अनुसार, आने वाले दिनों में सोने का भाव वायदा बाजार में 40,500 रुपये प्रति 10 ग्राम, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1,590 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। कीमतों में इस बढ़ोत्तरी के पीछे निम्न वजहें होंगी।

1. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हालिया रिपोर्ट में बताया है कि साल 2020 में ग्लोबल स्लोडाउन रहेगी। साथ ही आईएमएफ ने साल 2019 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी घटाकर 4.8 फीसद कर दिया है। आईएमएफ के इस अनुमान से सेफ हैवन के रूप में सोने को सपोर्ट मिलेगा और कीमतों में तेजी आएगी।

2. सोने की कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय तनाव का बड़ा असर पड़ने वाला है। इराक की राजधानी बगदाद में सोमवार रात अमेरिकी दूतावास के पास तीन रॉकेट दागे गए हैं। इस हमले से यूएस-ईरान के बीच तनाव में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है। इससे पहले शनिवार को यमन के एक सैन्य शिविर में हूती विद्रोहियों का बड़ा हमला हुआ, जिससे 100 लोग मारे गए। वैश्विक स्तर पर जैसे-जैसे तनाव बढ़ेगा, वैसे ही सोना सेफ हैवन के रूप में मजबूत होगा और कीमतों में तेजी आएगी।

3. गौरतलब है कि हाल ही में आरबीआई ने 5 महीने बाद सोने की खरीदारी की है। इससे कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।

4. चीन में 25 जनवरी से नया साल शुरू होने वाला है। इस दौरान चीन में सोने की अच्छी मांग रहेगी, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।

5. भू-राजनीतिक तनाव के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में आने वाले समय में तेजी बने रहने के आसार हैं, जिससे रुपया कमजोर होगा और इसका सीधा असर सोने की कीमतों में बढ़ोत्तरी के रूप में दिखायी देगा।

रुपये में देखने को मिलेगी गिरावट

इस नए साल में रुपये में गिरावट का दौर देखा जा सकता है। अजय केडिया के अनुसार, रुपये के आने वाले दिनों में एक डॉलर के मुकाबले 72 रुपये तक जाने के आसार हैं। यूएस-इरान के बीच हालिया तनाव की शुरुआत में भी रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन बाद में रुपये में मजबूती आई। केडिया के अनुसार, रुपये में आई यह मजबूती कम सयम के लिए थी और आगे गिरावट देखने को मिलेगी। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या-क्या कारण होंगे।

1. खुदरा महंगाई दर पांच साल के उच्चतम स्तर 7.35 फीसद पर पहुंच गई है। रबी की बुआई अच्छी हुई, लेकिन खराब मौसम के चलते यह फसल कई जगहों पर खराब हो गई। जिसके बाद प्याज और खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़त देखने को मिली। अनुमान है कि जनवरी में महंगाई 8 फीसद के आंकड़े को पार कर सकती है। महंगाई में बढ़ोत्तरी के साथ ही रुपये में भी गिरावट देखने को मिलेगी।

2. भारतीय रुपये का सीधा और बड़ा संबंध क्रूड ऑयल की कीमतों से है। केडिया के अनुसार, भू-राजनीतिक उथल-पुथल के चलते क्रूड ऑयल का फ्यूचर प्राइस करीब एक महीने तक 65 डॉलर से ऊपर रहने के आसार हैं। इससे रुपये पर दबाव पड़ेगा और इसमें गिरावट आएगी।

3. आईएमएफ ने इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती की बात कही है। अर्थव्यवस्था में इस सुस्ती का असर भी भारतीय रुपये पर पड़ेगा।

आगामी बजट से नहीं पड़ेगा खास प्रभाव

एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश होने वाला है। इस बजट में सरकार महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिश करती नजर आ सकती है, लेकिन बजट से सोने और रुपये पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा। वह इसलिए क्योंकि क्रूड ऑयल की कीमतों और अंतरराष्ट्रीय तनाव पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

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