आइए जानें हालिया महीनों में JIO में निवेश करने वाले कुछ बड़े निवेशकों के बारे में

कोरोना महामारी के बाद दुनिया में मंदी छाई है लेकिन ऐसे वक्त में भी दुनिया की बड़ी कंपनियां रिलायंस जियो को उम्मीद से देख रही हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 08:40 AM (IST)
आइए जानें हालिया महीनों में JIO में निवेश करने वाले कुछ बड़े निवेशकों के बारे में
आइए जानें हालिया महीनों में JIO में निवेश करने वाले कुछ बड़े निवेशकों के बारे में

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना महामारी के बाद दुनिया में मंदी छाई है, लेकिन ऐसे वक्त में भी दुनिया की बड़ी कंपनियां रिलायंस जियो को उम्मीद से देख रही हैं। हालिया कुछ महीनों में जियो प्लेटफॉम्र्स पर दुनिया की बड़ी कंपनियों ने पैसा लगाया है, इस फेहरिस्त में गूगल का भी नाम जुड़ गया है। गूगल ने जियो में 33,737 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है।

7.73 फीसद हिस्सेदारी खरीदकर हालिया वक्त में जियो पर विश्वास जताने वाली 13वीं निवेशक कंपनी बन जाएगी। यह निवेश गूगल द्वारा भारत के डिजिटाइजेशन के लिए घोषित 10 अरब डॉलर के कोष से होगा। गूगल का निवेश फेसबुक के बाद जियो में सबसे बड़ा निवेश है। आइए आपको बताते हैं कि हालिया महीनों में जियो में निवेश करने वाले कुछ बड़े निवेशकों के बारे में। 22 अप्रैल: सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने रिलायंस जियो में 43,554 करोड़ रुपये के निवेश के जरिए 9.99 फीसद की हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की। जियो में यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। साथ ही जियो में निवेश करने वाली फेसबुक पहली कंपनी थी। 2019 में फेसबुक ने 7069.7 करोड़ डॉलर का राजस्व प्राप्त किया था। 4 मई: अमेरिका की दिग्गज प्राइवेट इक्विटी (पीई) कंपनी सिल्वर लेक ने जियो में 5,656 करोड़ रुपये के निवेश के बदले 1.15 फीसद की हिस्सेदारी लेने की बात कही। सिल्वर लेक को टेक्नोलॉजी से जुड़ी बड़ी कंपनियों में निवेश के लिए जाना जाता है। अलीबाबा सहित कई दूसरी बड़ी कंपनियों में भी इसने निवेश किया है। 8 मई: अमेरिका की एक और प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी ने इस दिन जियो की 2.32 हिस्सेदारी के बदले 11,367 करोड़ रुपये देने के बारे में बताया। करीब बीस साल पहले शुरू हुई यह मुख्यत: बड़ी और बढ़ती कंपनियों में निवेश करती है। 17 मई: जियो पर विश्वास जताने वाली एक और कंपनी जनरल एटलांटिक है। इस पीई फर्म ने जियो में 6,598 करोड़ रुपये देकर 1.34 फीसद की हिस्सेदारी खरीदी है। 22 मई: अमेरिकी कंपनियों को भारतीय कंपनी जियो की सफलता की कहानी इसमें निवेश के लिए प्रेरित कर रही है। अमेरिका की ही एक और पीई आधारित कंपनी केकेआर ने 2.32% हिस्सेदारी को 11,367 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है। 5 जून: अबूधाबी स्थित निवेशक मुबादला ने रिलायंस जियो में 1.85 हिस्सेदारी के बदले 9,093 करोड़ रुपये के इक्विटी इंफ्यूजन की घोषणा की है। 5 जून: सिल्वर लेक ने अतिरिक्त 4,546.80 करोड़ रुपये के अतिरिक्त इक्विटी निवेश की घोषणा की। 7 जून: अबूधाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी ने 1.16 फीसद हिस्सेदारी के बदले में 5,683.80 करोड़ का निवेश किया।   13 जून: एक ही दिन में जियो को दोहरा निवेश मिला। टीपीजी ने इस दिन 4,546.80 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। जबकि इसी दिन दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता केंद्रित निजी इक्विटी फर्मों में से एक एल कैटरटन ने 1,890.50 करोड़ रुपये में 0.39 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की बात कही। 3 जुलाई: इंटेल कैपिटल ने जियो में 0.39 फीसद हिस्सेदारी खरीदी। इसकी एवज में 1894.5 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह सौदा माइक्रो चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी की निवेश शाखा की तरफ से हुआ था। 13 जुलाई: एक और वायरलेस तकनीक से जुड़ी दिग्गज कंपनी क्वालकॉम ने इसमें 730 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह उसने 0.15 फीसद की हिस्सेदारी खरीदी। इन 13 सौदों के तहत रिलायंस जियो प्लेटफॉम्र्स को 1,18,318.45 करोड़ रुपये हासिल हुए और उसने अपनी 25.24 फीसद हिस्सेदारी बेची।

क्या है जियो प्लेटफॉम्र्स: जियो प्लेटफॉम्र्स अगली पीढ़ी का टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है। इसका पूरा ध्यान देशभर में डिजिटल सेवाओं को पहुंचाने पर केंद्रित है। इस अवधारणा के उत्पाद का परिणाम जियो रहा है। यह डाटा केंद्रित 4जी एलटीई नेवटर्क है, जिसे 2016 में भारत में लांच किया गया। एक वक्त था जब यह भारत में फेसबुक से भी तेजी से बढ़ रहा था। इसकी सफलता का सबसे बड़ा क्षण तब आया जब मुकेश अंबानी ने 4जी ब्रॉडबैंड सेवा नेटवर्क के निर्माण के लिए 33 अरब डॉलर का निवेश किया। इसके चलते ही जियो अपने ग्राहकों को सस्ती डाटा सेवाएं और मुफ्त कॉलिंग की सुविधा दे सका।

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