अगले महीने से ऊंची दरों पर वसूला जाएगा टीडीएस, ये व्यक्ति आएंगे दायरे में
इस वर्ष के बजट में प्रावधान कर दिया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50000 रुपये
नई दिल्ली, पीटीआइ। आयकर विभाग ने अगले महीने से ऊंची दरों पर टीडीएस वसूलने के लिए व्यवस्था विकसित की है। यह व्यवस्था स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) के लिए है। इसके जरिये एक जुलाई से ऊंची दर से आयकर (Income Tax) वसूलने के लिए व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में इस तरह का प्रावधान कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के बजट में प्रावधान कर दिया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया। इसमें आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर जानकारी है।
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आयकर विभाग ने ट्विटर के जरिये बताया है कि ‘‘धारा 206एबी और 206सीसीए के लिये अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गयी है। इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिये अनुपालन बोझ कम होगा।’’ सीबीडीटी का कहना है कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इस पर उचित ध्यान देना होगा, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है। बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था - धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच’ - उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगा।
नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जायेगा कि वह ‘‘विशिष्ट व्यक्ति’’ है अथवा नहीं।