सरकार बिक्री पेशकश के जरिये IRCTC में बेचेगी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी, 1,367 रुपये न्यूनतम दाम तय
IRCTC Govt to sell up to 20 percent stake सरकार की रेलवे उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एण्ड टुरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) में बाजार में खुली पेशकश (ओएफएस) के जरिये 20 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने की योजना है। यह पेशकश गुरुवार को खुल सकती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार की रेलवे उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एण्ड टुरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) में बाजार में खुली पेशकश (ओएफएस) के जरिये 20 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने की योजना है। यह पेशकश गुरुवार को खुल सकती है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचित तुहीन कांत पांडे ने एक ट्वीट में कहा, 'गैर- खुदरा निवेशकों के लिये आरआरसीटीसी में बिक्री पेशकश कल खुल रही है। दूसरे दिन यह खुदरा निवेशकों के लिये होगी। सरकार इसमें पांच प्रतिशत ग्रीन शू विकल्प के साथ 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।' बिक्री पेशकश के लिये 1,367 रुपये का न्यूनतम मूल्य रखा गया है। इस खबर के बाद शुरुआती कारोबार में आईआरसीटीसी के शेयर आज 10% से नीचे आ गए।
आईआरसीटीसी का शेयर बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर 1,618.05 रुपये पर बंद हुआ। यह पिछले दिने के बंद भाव के मुकाबले 1.55 प्रतिशत नीचे रहा। कंपनी की प्रवर्तक भारत सरकार इस बिक्री पेशकश के तहत कुल अपने 3.2 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी जिससे उसे 4,374 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी।
कोविड- 19 के कारण सरकार के खजाने पर काफी दबाव है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से आने हैं जबकि 90 हजार करोड़ रुपये की राशि वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचने से प्राप्त होंगे। सरकार की आईआरसीटीसी में वर्तमान में 87.40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सेबी के दिशानिर्देशों के तहत सरकार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 75 प्रतिशत पर लानी है।
बता दें कि रेल यात्रियों को ट्रेन टिकट बुक करवाते समय अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल के रूप में स्वयं का मोबाइल नंबर ही रजिस्टर करवाना होगा। भारतीय रेलवे द्वारा रविवार को यह घोषणा की गई थी। भारतीय रेलवे ने कहा कि कुछ रेल यात्री अपने ट्रेन टिकट एजेंट या दूसरों के आईआरसीटीसी (IRCTC) अकाउंट्स से खरीदते हैं। ऐसे में यात्री का स्वयं का कॉन्टैक्ट नंबर पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) में रजिस्टर नहीं हो पाता है। ऐसे में अगर ट्रेन कैंसिल होती है या ट्रेन के समय में बदलाव होता है, तो यात्रियों के मोबाइल नंबर पर सूचना नहीं पहुंच पाती है।