Services PMI India: भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार पांचवें महीने जुलाई में भी रहा संकुचन

Services PMI कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू प्रतिूबंधों के चलते कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और इससे लोगों की नौकरियां भी प्रभावित हुई हैं।PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 11:16 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 11:55 AM (IST)
Services PMI India: भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार पांचवें महीने जुलाई में भी रहा संकुचन
Services PMI India: भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार पांचवें महीने जुलाई में भी रहा संकुचन

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार पांचवें महीने जुलाई में भी संकुचन दर्ज किया गया है। भारत की घरेलू सर्विसेज इंडस्ट्री देश के आर्थिक विकास में प्रमुख भुमिका अदा करती है। इस इंडस्ट्री की गतिविधियों में लगातार संकुचन बने रहना देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू प्रतिबंधों के चलते कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और इससे लोगों की नौकरियां भी प्रभावित हुई हैं। एक सर्वे से यह बात सामने आई है।

भारत कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में विश्व में तीसरे नंबर पर आ गया है। भारत से आगे अमेरिका और ब्राजील ही हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 18 लाख मामले सामने आ गए हैं और 38,000 लोगों की इस महामारी से मौत हो गई है। यह स्थिति केंद्र व राज्य सरकारों को कठोर लॉकडाउन उपायों को लागू करने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे इस वायरस के संक्रमण पर काबू पाया जा सके। लोगों को घरों पर ही रखने और कारोबारों को बंद रखने जैसे कदमों से मांग के कम होने और गहरी मंदी का डर है।

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जुलाई महीने में Nikkei/IHS सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स मामूली बढ़कर 34.2 पर आ गई है। जून महीने में यह 33.7 पर थी। हालांकि, यह अभी भी 50 के स्तर से नीचे ही है। पीएमआई में 50 से नीचे का स्तर मंदी और 50 से ऊपर का स्तर ग्रोथ को दिखाता है।

सर्विसेज पीएमआई में संकुचन का जुलाई लगातार पांचवां महीना है। यह अप्रैल 2014 के 10 महीनों के लगातार संकुचन के बाद सबसे लंबा संकुचन है। भारत के बिगड़ते आर्थिक दृष्टिकोण से यह संभावना बढ़ गई है कि गुरुवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अपने फैसले में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकती है।

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