Indian Overseas Bank का मुनाफा पहली तिमाही में हुआ दोगुना, NPA में भी आई कमी

इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ के दोगुनी वृद्धि के साथ 327 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की सूचना दी है। फंसे हुए कर्ज के बदले प्रोविजनिंग घटाए जाने की वजह से बैंक के मुनाफे में यह बढ़ोत्तरी हुई है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:50 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:52 PM (IST)
Indian Overseas Bank का मुनाफा पहली तिमाही में हुआ दोगुना, NPA में भी आई कमी
पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी को 121 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ के दोगुनी वृद्धि के साथ 327 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की सूचना दी है। फंसे हुए कर्ज के बदले प्रोविजनिंग घटाए जाने की वजह से बैंक के मुनाफे में यह बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी को 121 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल आय घटकर 5,155 करोड़ रुपये पर रह गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी को 5,234 करोड़ रुपये की कुल आमदनी हुई थी। इंडियन ओवरसीज बैंक ने रेगुलेटरी फाइलिंग में शेयर बाजारों को यह जानकारी दी।

आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक को ब्याज से होने वाली आय 5.6 फीसद घटकर 4,063 करोड़ रुपये पर रह गई। इसी तरह नॉन-इंटरेस्ट इनकम 17.2 फीसद के उछाल के साथ 1,092 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इसकी वजह यह है कि बैंक को अन्य स्रोतों से होने वाली आय में वृद्धि दर्ज की गई।

बैंक ने बताया है कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPAs) घटकर 1,616 करोड़ रुपये पर रह गईं, जो वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 1,969 करोड़ रुपये पर रही थी। 30 जून, 2021 को समाप्त तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए (फंसा हुआ कर्ज) घटकर कुल लोन के 11.48 फीसद पर रह गया। पिछले साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान यह 13.90 फीसद पर रहा था।

बैंक का मुख्यालय चेन्नई में है।

मूल्य के आधार पर देखा जाए तो बैंक की कुल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 18,291 करोड़ रुपये से घटकर इस साल जून तिमाही में 15,952 करोड़ रुपये पर रह गईं।

फंसे हुए कर्ज के बदले बैंक ने आलोच्य तिमाही के दौरान प्रोविजनिंग को घटाकर 868 करोड़ रुपये कर दिया। एक साल पहले यह आंकड़ा 969.52 करोड़ रुपये पर रहा था।

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