मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी सकारात्मक वृद्धि: नीति आयोग के उपाध्यक्ष

भारतीय अर्थव्यवस्था अब कोरोना वायरस महामारी के कारण आई गिरावट से उबर रही है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह वृद्धि के रास्ते पर होगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को यह बात कही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:06 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 07:49 AM (IST)
मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी सकारात्मक वृद्धि: नीति आयोग के उपाध्यक्ष
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: ANI

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय अर्थव्यवस्था अब कोरोना वायरस महामारी के कारण आई गिरावट से उबर रही है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह वृद्धि के रास्ते पर होगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को यह बात कही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कुमार ने कहा कि केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों का उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाना है। कुमार ने कहा कि इन कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह गलतफहमी और उन तक सही जानकारी नहीं पहुंच पाना है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोरोना वायरस महामारी के कारण आई गिरावट से उबर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में हम आर्थिक गतिविधियों का वह स्तर प्राप्त कर लेंगे, जो एक साल पहले था और चौथी तिमाही में जीडीपी दर सकारात्मक हो जायेगी व पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले में इसमें मामूली वृद्धि भी होगी।’’

कुमार ने आगे कहा, ''सरकार ने कोरोना काल का इस्तेमाल कई संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने में किया है साथ ही कई सुधार अभी पाइपलाइन में हैं। ये सभी सुधार वित्त वर्ष 2021-22 और आगे आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने में मजबूत नींव के रूप में काम करेंगे।'' कुमार ने कहा, ''चालू वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट रिजर्व बैंक तथा दूसरों द्वारा लगाए गए नौ से 10 फीसद की गिरावट के अनुमान से कहीं बेहतर रहने वाली है।''

उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस महामारी का आर्थिक गतिविधियों पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक आपदा की तरह है और इसका नियमित आर्थिक चक्र से संबंध नहीं है। ऐसे में यह कहना कि अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मंदी में है, तर्कसंगत नहीं होगा।'' मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र द्वारा 0.6 फीसद की वृद्धि हासिल करने पर कुमार ने कहा कि यह हैरान करने वाला और अच्छा आंकड़ा है। 

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