भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर, बजट से और बेहतर स्थिति में आने की उम्मीद: सर्वे
सर्वे में शामिल अर्थशास्त्रियों से जब यह पूछा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को COVID-19 से पहले के स्तर को प्राप्त करने में कितना समय लगेगा तो 32 में से 26 उत्तरदाताओं ने कहा कि इसमें दो साल तक का समय लगेगा।
नई दिल्ली, रायटर। COVID-19 की वैक्सीन आने से और राजकोषीय विस्तार से भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है। रायटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने यह राय व्यक्त की है। इस पोल में बताया गया है कि दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश ने एक बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है और पिछले कुछ महीनों में नए कोरोनावायरस मामलों में गिरावट से एशिया के इस तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सुधार दिख रहा है। पोल में शामिल उत्तरदाताओं में लगभग 60%, 31 में से 18 वर्ष के थे, जिन्होंने कई अतिरिक्त सवाल का जवाब भी दिया। इसमें कहा गया कि 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार में मदद करेगा।
रबोबैंक के अर्थशास्त्री ह्यूगो एरकेन ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक वित्तीय गतिविधियों से दूसरी तिमाही में सरकारी प्रोत्साहन पैकेजों से भारत के आर्थिक विकास को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बजट में खर्च को जारी रखने का लक्ष्य होगा, जिससे भारत हाल के मुश्किल दौर से बाहर आ सकता है।
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50 से अधिक अर्थशास्त्रियों के सर्वे में यह बात सामने आई कि अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 9.5% बढ़ेगी, यह मार्च 2020 में पोल शुरू होने से लेकर अब तक सबसे ज्यादा अनुमान है। वित्त वर्ष 2022/23 में इसके 6.0% बढ़ने की उम्मीद थी। सर्व में अनुमान लगाया गया है कि 2021/22 वित्तीय वर्ष की प्रत्येक तिमाही में अर्थव्यवस्था 21.1%, 9.1%, 5.9% और 5.5% बढ़ेगी।
सर्वे में शामिल अर्थशास्त्रियों से जब यह पूछा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को COVID-19 से पहले के स्तर को प्राप्त करने में कितना समय लगेगा, तो 32 में से 26 उत्तरदाताओं ने कहा कि इसमें दो साल तक का समय लगेगा।