चीन में संकट से भारतीय कारोबारी परेशान, पेमेंट फंसने की आशंका, कच्चे माल के लिए बीजिंग पर निर्भरता

चीन ने दो दिन पहले कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने से अपने लांझू शहर को पूरी तरह से बंद कर दिया है। चीन के साथ कारोबार करने वालों के मुताबिक लांझू शहर में टेक्सटाइल खनन और मशीन टूल्स जैसे उत्पादों का कारोबार काफी मात्रा में किया जाता है।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:41 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:41 AM (IST)
चीन में संकट से भारतीय कारोबारी परेशान, पेमेंट फंसने की आशंका, कच्चे माल के लिए बीजिंग पर निर्भरता
Indian businessmen upset due to crisis in China fear of payment stuck

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली संकट, महंगे होते कच्चे माल के साथ कोरोना की मार झेल रहे चीन के साथ कारोबार करने वालों के भुगतान फंसने की आशंका पैदा हो गई है। इस बारे में चीन के साथ कारोबार करने वालों को आगाह भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ कई तरह के कच्चे माल के आयात के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भरता से भी भारतीय विदेश व्यापार के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।

चीन ने दो दिन पहले कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने से अपने लांझू शहर को पूरी तरह से बंद कर दिया है। चीन के साथ कारोबार करने वालों के मुताबिक लांझू शहर में टेक्सटाइल, खनन और मशीन टूल्स जैसे उत्पादों का कारोबार काफी मात्रा में किया जाता है।

फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के पूर्व अध्यक्ष एवं चीन से कारोबार करने वाले निर्यातक शरद कुमार सराफ ने बताया कि चीन के वर्तमान हालात से वहां के छोटे कारोबारियों के साथ कारोबार करने वालों को भविष्य में भुगतान की समस्या आ सकती है। क्योंकि चीन कभी भी किसी भी शहर को पूरी तरह से बंद कर दे रहा है।

सराफ ने बताया कि शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्यिक दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय कारोबारियों को इस मामले में आगाह भी किया है कि वे चीन के एमएसएमई के साथ कारोबार करने के दौरान सतर्क रहें। दूसरी तरफ चीन के कारोबारी भी माल भेजने से पहले पूरा भुगतान लेना चाह रहे हैं, क्योंकि उन्हें कभी भी शहर में लाकडाउन का अंदेशा है। वहीं बिजली समस्या की वजह से वहां के एमएसएमई की हालत पहले से ही खराब चल रही है।

आयात में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

चालू वित्त वर्ष 2021-22 में चीन से होने वाले आयात में पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारतीय निर्यातकों ने बताया कि उनके पास निर्यात आर्डर की कमी नहीं है, लेकिन कई प्रकार के कच्चे माल के लिए वे काफी हद तक चीन पर निर्भर हैं। चीन में हालात असामान्य होने पर उनके निर्यात भी प्रभावित हो सकते हैं।

वाहनों के कलपुर्जे सहित दवा के कच्चे माल का होता है आयात

भारत चीन से कच्चे माल के रूप में मुख्य रूप से विशेष प्रकार के स्टील, वाहनों के कलपुर्जे, खास किस्म के केमिकल्स, प्लास्टिक पदार्थ, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्टि्रक मशीन और उपकरण के साथ दवा के कच्चे माल का आयात करता है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल-अगस्त में इलेक्टि्रक मशीनरी व उपकरणों से जुड़े कच्चे माल व तैयार उत्पाद का आयात 6.05 अरब डालर का था जो इस साल की समान अवधि में बढ़कर 9.81 अरब डालर का हो गया।

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