भारत की जीडीपी की वृद्धि दर सकारात्मक होने के बिल्कुल करीब : रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह अनुमान लगाया है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सकारात्मक वृद्धि दर हासिल करने के करीब है। RBI ने कहा कि वी-आकार के सुधार में ‘वी’ का मतलब वैक्सीन (टीके) से है।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 04:40 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 08:08 AM (IST)
भारत की जीडीपी की वृद्धि दर सकारात्मक होने के बिल्कुल करीब : रिजर्व बैंक
India within striking distance of attaining positive growth says RBI

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह अनुमान लगाया है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सकारात्मक वृद्धि दर हासिल करने के करीब है। RBI ने कहा कि वी-आकार के सुधार में ‘वी’ का मतलब वैक्सीन (टीके) से है। दरअसल, केन्द्रीय बैंक के जनवरी के बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख लिखा गया है, इसका शीर्षक है ‘‘2021 कैसा होगा? सुधार ‘वी-आकार’ का होगा। वी से मतलब वैक्सीन से है।’’ यह लेख जर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और अन्य के द्वारा लिखा गया है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू किया है। 

लेख में बताया गया है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत टीका विनिर्माण क्षमता है। भारत इससे पहले पोलियो और चेचक के खिलाफ टीकाकरण कर चुका है। RBI ने कहा कि यदि टीकाकरण सफल रहता है, तो इससे जोखिम का संतुलन ऊपर की ओर झुकेगा। रिजर्व बैंक ने एक बात साफ किया है कि लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के निजी विचार हैं, यह केन्द्रीय बैंक की राय नहीं है। 

लेख के अनुसार, सीजन खत्म होने से पहले रबी का बुवाई क्षेत्र सामान्य से अधिक हो गया है। ऐसे में 2021 में कृषि उत्पादन ज्यादा होगा। उत्पादन से संबंधित (पीएलआई) योजना के तहत कृषि निर्यात जुझारू क्षमता दिखा रहा है।

सरकार ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। मल्लों हो कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। जुलाई-सितंबर की तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत नीचे आई थी। 

लेख के अनुसार, भारत की स्थिति को सही करने के लिए ई-कॉमर्स और डिजिटल टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण रोल होगा। इसमें कहा गया कि महामारी से पहले का उत्पादन स्तर और रोजगार हासिल करने में अभी देर होगी।

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