भारत बनेगा Solar Energy का हब, Reliance 2030 तक बनाएगी 100GW सौर ऊर्जाः मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को इस बात का ऐलान किया कि कंपनी (रिलायंस) अपने एनर्जी बिजनेस के स्वरूप में बड़ा बदलाव करने जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख ने ग्रीन एनर्जी के लिए एकसाथ कई घोषणाएं कीं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को इस बात का ऐलान किया कि कंपनी (रिलायंस) अपने एनर्जी बिजनेस के स्वरूप में बड़ा बदलाव करने जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख ने ग्रीन एनर्जी के लिए एकसाथ कई घोषणाएं कीं। अंबानी ने कहा कि भारत को सोलर एनर्जी का हब बनाने के लिए रिलायंस गुजरात के जामनगर में 5 हजार एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्पलेक्स बनाएगी। रिलायंस अगले तीन वर्षों में एंड टू एंड रिन्यूएबल एनर्जी इकोसिस्टम पर 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी के मेगा प्लान के तीन हिस्से हैं। पहले चरण में चार गीगा फैक्ट्रियां बनाई जाएंगी। ये कारखाने न्यू एनर्जी इकोसिस्टम के सभी प्रमुख घटकों का निर्माण करेंगे। इनमें से एक सौर ऊर्जा के लिए होगी। यह फैक्ट्री सोलर मॉड्यूल फोटोवोल्टिक मॉड्यूल का निर्माण करेगी। दूसरे हिस्से में एनर्जी के स्टोरेज यानी भंडारण के लिए कंपनी एक अत्याधुनिक एनर्जी स्टोरेज बैटरी बनाने की फैक्ट्री भी स्थापित करेगी। तीसरे चरण में, ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए एक इलेक्ट्रोलाइजर फैक्ट्री लगायी जाएगी। इसके बाद हाइड्रोजन को एनर्जी में बदलने के लिए कंपनी एक फ्यूल सेल फैक्ट्री बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक 450GW रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूस करने का लक्ष्य देश के सामने रखा था। इस चीज का उल्लेख करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस 2030 तक 100GW सोलर एनर्जी उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा कि इसका एक हिस्सा रूफ-टॉप सोलर और गांवों में सोलर एनर्जी के उत्पादन से आएगा। गांवों में सोलर एनर्जी के उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलने की उम्मीद है। रिलायंस का इरादा सोलर मॉड्यूल की कीमत विश्व भर में सबसे कम रखने का है। इससे सोलर एनर्जी को किफायती बनाया जा सकेगा।
सूर्य देव को नमन करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि सूर्य असीमित उर्जा पैदा करते हैं। अगर हम सौर उर्जा का इस्तेमाल कर पाए तो भारत फॉसिल फ्यूल यानी कच्चे तेल के आयातक से क्लीन सोलर एनर्जी का निर्यातक (एक्सपोर्टर) देश बन सकता है।