चीन से परेशान ताइवान के साथ जल्द व्यापार वार्ता शुरू कर सकता है भारत: रिपोर्ट

ताइवान के साथ औपचारिक रूप से व्यापार वार्ता शुरू करने के लिए भारत सरकार के भीतर समर्थन बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों ही देश चीन की हरकतों से परेशान हैं। व्यापार सौदों पर बातचीत से दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच करीबी और बढ़ जाएगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 04:45 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 06:38 PM (IST)
चीन से परेशान ताइवान के साथ जल्द व्यापार वार्ता शुरू कर सकता है भारत: रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ताइवान के साथ औपचारिक रूप से व्यापार वार्ता शुरू करने के लिए भारत सरकार के भीतर समर्थन बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दोनों ही देश चीन की हरकतों से परेशान हैं। व्यापार सौदों पर बातचीत से दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच करीबी और बढ़ जाएगी। ताइवान कई वर्षों से भारत के साथ ट्रेड डील पर बात करना चाहता है, लेकिन भारत सरकार इसको टालती रही हैं, क्योंकि इससे चीन के साथ रिश्ते अधिक खराब होने की आशंका थी।

अब नरेंद्र मोदी सरकार में ऐसे कई लोग हैं, जो ताइवान के साथ औपचारिक रूप से ट्रेड डील पर वार्ता के पक्षधर हैं। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार, भारत अगर ताइवान के साथ व्यापार सौदे करता है, तो हमें इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अधिक निवेश मिल सकेगा। ब्लूमबर्ग को नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी। हालांकि, सूत्र ने यह बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रेड डील पर दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू करने का अंतिम निर्णय कब लिया जाएगा।

इस महीनें की शुरुआत में मोदी सरकार ने ताइवान की फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, विस्ट्रॉन ग्रुप और पेगाट्रॉन कॉर्पोरेशन को स्मार्टफोन के उत्पादन के लिए मंजूरी प्रदान की थी। इससे भारत में एक बड़ा निवेश आ सकेगा।

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता योगेश बवेजा ने इस मामले में अभी तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, ताइवान के शीर्ष वार्ताकार John Deng ने भी ई-मेल पर टिप्पणी मांगे जाने का कोई तत्काल जवाब नहीं दिया है।

भारत अगर औपचारिक रूप से ताइवान के साथ ट्रेड डील पर बातचीत शुरू करता है, तो यह ताइवान के लिए एक बड़ी जीत होगी। साथ ही चीन की हरकतों से परेशान दो देशों के रिश्ते मजबूत होंगे। बता दें कि ताइवन को चीन के दबाव के कारण किसी भी बड़े देश के साथ व्यापार वार्ता शुरू कने में बड़ा संघर्ष करना पड़ा है।

(यह खबर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर आधारित है।)

chat bot
आपका साथी