साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेजी से संरचनात्मक सुधार कर रहा भारत: पीयूष गोयल

भारत साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने समूचे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रहा है। यह बात केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कही। केंद्रीय मंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 04:08 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 08:00 AM (IST)
साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेजी से संरचनात्मक सुधार कर रहा भारत: पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने समूचे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रहा है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कही। केंद्रीय मंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है और हम तेज संरचनात्मक सुधारों से इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश और विदेश में भारतीयों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध हो रहा है। 

गोयल ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए आक्रामक तरीके से नए बाजारों में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। विदेश में रहने वाले भारतीयों को उपभोक्ता बाजार की अधिक समझ है। आप उपभोक्ता व्यवहार को गहराई से समझते हैं और भारतीय उद्योग को विदेशी बाजारों के अनुरूप उत्पाद का विकास करने में मदद कर सकते हैं।''

गोयल ने आगे कहा, ''कोविड-19 से पैदा हुई समस्याओं के बाद सभी को समझ आ गया है कि कुछ बड़ा करने का साहस होना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो वैश्विक स्तर पर नेतृत्व क्षमता गंवा देंगे। यही आत्मनिर्भर भारत का सिद्धान्त है। यह अपने दरवाजे बंद करने की बजाय उन्हें और अधिक खोलना है। इससे भारत अपनी क्षमता और दक्षता का निर्माण कर सकेगा और अपनी रफ्तार व कौशल स्तर से जुझारू बन सकेगा।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम कारोबार शुरू करने में सुगमता, कारोबार सुगमता और अपने कारोबार को आगे बढ़ाने की सुगमता पर काम कर रहे हैं।’’ ‘‘हम चाहते हैं कि दुनियाभर में हमारे भाइयों और बहनों को इन अवसरों का लाभ सबसे पहले मिले।’’

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