India GDP Q2 Data: उम्मीद से काफी बेहतर रही दूसरी तिमाही में जीडीपी की स्थिति, आया केवल 7.5 फीसद का संकुचन

India GDP Q2 Data भारत की अर्थव्यवस्था अब आधिकारिक रूप से मंदी की चपेट में है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन दर्ज किया गया है। भारत की जीडीपी में दूसरी तिमाही में 7.5 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 07:56 AM (IST)
India GDP Q2 Data: उम्मीद से काफी बेहतर रही दूसरी तिमाही में जीडीपी की स्थिति, आया केवल 7.5 फीसद का संकुचन
भारत की जीडीपी के आंकड़े PC : ANI

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की अर्थव्यवस्था अब आधिकारिक रूप से मंदी की चपेट में है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन दर्ज किया गया है। भारत की जीडीपी में दूसरी तिमाही में 7.5 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया है। शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है। इससे पहले मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसद की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज हुई थी।

GDP at constant (2011-12) prices in Q2 of 2020-21 is estimated at Rs 33.14 lakh crores, as against Rs 35.84 lakh crores in Q2 of 2019-20, showing a contraction of 7.5% as compared to 4.4% growth in Q2 of 2019-20: Ministry of Statistics & Programme Implementation— ANI (@ANI) November 27, 2020

बता दें कि दूसरी तिमाही में जीडीपी की गिरावट की रफ्तार 10 फीसद के करीब रहने की उम्मीद जताई जा रही थी। इस तरह देखें, तो आंकडे़ उम्मीद से काफी बेहतर हैं। गिरावट की यह रफ्तार मौजूदा तिमाही में और धीमी पड़ेगी और चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च, 2021 में वृद्धि दर के सकारात्मक होने की संभावना है।

देश की दो प्रमुख आर्थिक रिसर्च एजेंसियों एसबीआई और क्रिसिल की ताजी रिपोर्ट में कहा गया था कि दूसरी तिमाही में भी इकोनॉमी की स्थिति को संभालने में सबसे बड़ी भूमिका कृषि सेक्टर ही निभाएंगा। एसबीआई ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट की रफ्तार 10.7 फीसद के करीब रहने की उम्मीद जताई थी।

कृषि क्षेत्र में रही 3.4 फीसद ग्रोथ

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में सकल संपत्ति मूल्य (GVA)  -7 फीसद रहा है। इसके -8.6 फीसद रहने का अनुमान था। वहीं, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.4 फीसद रही है। इसके 3.9 फीसद रहने का अनुमान था।

Govt of India has received Rs 7,08,300 crores (31.54% of corresponding BE 2020-21 of total receipts) upto Oct, 2020 comprising Rs 5,75,697 crores tax revenue (net to Centre), Rs 1,16,206 crores of non tax Revenue & Rs 16,397 crores of non debt capital receipts: Finance Ministry

— ANI (@ANI) November 27, 2020

क्षेत्रानुसार जीडीपी के आंकड़े

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के आंकड़ों के अनुसार, दूसरी तिमाही में क्षेत्रानुसार जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े निम्न हैं-

कृषि क्षेत्र: 3.4%

खनन: -9.1%

मैन्युफैक्चरिंग: 0.6%

विद्युत: 4.4%

निर्माण: -8.6%

ट्रेड एंड होटल्स: -15.6%

वित्त, बीमा और रियल्टी: -8.1%

लोक प्रशासन, रक्षा: -12.2%

भारत के आठ प्रमुख उद्योगों की ग्रोथ में गिरावट

भारत के आठ प्रमुख उद्योगों की ग्रोथ अक्टूबर, 2020 में -2.5 फीसद पर रही है। यह पिछले महीने अर्थात सितंबर, 2020 में -0.8 फीसद रही थी। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर, 2020 के दौरान भारत के आठ प्रमुख उद्योगों की ग्रोथ -13 फीसद रही। एक साल पहली की समान अवधि में यह 0.3 फीसद रही थी। आठ बुनियादी उद्योगों में कोयला, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल है।

➡️High PMI Indices for Manufacturing and Services with manufacturing PMI at a decadal high

➡️Broad based recovery is underway

(2/7) pic.twitter.com/p6fXp57tX5— Ministry of Finance (@FinMinIndia) November 27, 2020

Current economic condition reflecting impact of COVID-19 pandemic: Chief Economic Adviser K V Subramanian on GDP numbers— Press Trust of India (@PTI_News) November 27, 2020

महामारी के प्रभाव को प्रदर्शित कर रही मौजूदा आर्थिक स्थिति

मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने दूसरी तिमाही के आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सुब्रमण्यम ने कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थिति कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को प्रदर्शित कर रही है। सुब्रमण्यम ने कहा कि तीसरी तिमाही में खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी चीज है जिसे बारीकी से ट्रैक करना होता है।

राजकोषीय घाटा

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर तक पिछले सात महीनों में भारत का संघीय राजकोषीय घाटा 9.53 लाख करोड़ रुपये (128.9 बिलियन डॉलर) या पूरे वित्त वर्ष के लिए बजटीय लक्ष्य का 126.7 फीसद रहा है। आंकडों के अनुसार, शद्ध टैक्स 5.76 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुआ। यह एक साल पहले की तुलना में 15.7 फीसद कम है। जबकि कुल व्यय 16.6 लाख करोड़ रुपये का रहा।

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