निर्यात प्रोत्साहन पर डब्ल्यूटीओ के फैसले को भारत ने दी चुनौती

ऐसे में उसे निर्यात सबसिडी घटाने के लिए 2017 से आठ साल का समय मिलना चाहिए। भारत ने विवाद निपटान समिति द्वारा पांचों योजनाओं पर दी गई व्यवस्था को चुनौती दी है।

By NiteshEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 07:39 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 08:28 AM (IST)
निर्यात प्रोत्साहन पर डब्ल्यूटीओ के फैसले को भारत ने दी चुनौती
निर्यात प्रोत्साहन पर डब्ल्यूटीओ के फैसले को भारत ने दी चुनौती

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की विवाद निपटान समिति के एक फैसले के खिलाफ अपील की है। समिति ने फैसले में कहा है कि भारत की कुछ घरेलू निर्यात प्रोत्साहन पहल वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं हैं।

अमेरिका ने भारत की कुछ योजनाओं, मसलन भारत से वस्तुओं के निर्यात की योजना (एमईआईएस), निर्यातोन्मुख इकाई योजना (ईओयू), इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पाकर््स (ईएचटीपी), विशेषष आर्थिक क्षेत्र और पूंजीगत वस्तुओं के निर्यात संव‌र्द्घन (ईपीसीजी) के खिलाफ विवाद समाधान समिति में मामला दायर किया था। अमेरिका का कहना था कि इन योजनाओं से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है और उनको समान अवसर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। विवाद निपटान समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि ये योजनाओं प्रतिबंधित निर्यात सब्सिडी उपलब्ध कराने से संबंधित डब्ल्यूटीओ समझौतों का उल्लंघन हैं।

एक अधिकारी ने कहा, 'भारत ने समिति की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की है। यह रिपोर्ट 31 अक्टूबर को जारी की गई थी।'Þ भारत ने डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान व्यवस्था के तहत अपीलीय निकाय में अपील की है। अमेरिका ने सबसिडी और प्रतिपूर्ति उपायों पर संगठन के करार के अनुच्छेद 27 के तहत भारत को डब्ल्यूटीओ में घसीटा था। इसमें भारत जैसे विकासशील देशों के साथ विशेषष और भिन्न बर्ताव का भी प्रावधान है।

भारत की दलील

जिस समय यह करार अस्तित्व में आया था उस वक्त 1,000 डॉलर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय ([जीएनआई)] वाले देशों को अपनी निर्यात सबसिडी कम करने के लिए आठ साल का समय दिया गया था। भारत ने कहा था कि डब्ल्यूटीओ ने 2017 में ही उसे सूचित किया था कि वह इस बारे में अपनी तय सीमा को पार कर चुका है। ऐसे में उसे निर्यात सबसिडी घटाने के लिए 2017 से आठ साल का समय मिलना चाहिए। भारत ने विवाद निपटान समिति द्वारा पांचों योजनाओं पर दी गई व्यवस्था को चुनौती दी है।

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