मुक्त व्यापार समझौते की तरफ बढ़ रहे भारत व ब्रिटेन, पीयूष गोयल ने की ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री के साथ बातचीत

सोमवार को पीयूष गोयल और ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री एलिजाबेथ ट्रस के बीच इस बारे में महत्वपूर्ण विमर्श हुआ है। इसके पहले भारत व ब्रिटेन के वित्त मंत्रियों की अगुवाई में आर्थिक सहयोग को लेकर हुई बैठक में भी इस भावी समझौते के प्रारूप पर अहम बातचीत हुई है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 10 Nov 2020 07:14 PM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 07:39 AM (IST)
मुक्त व्यापार समझौते की तरफ बढ़ रहे भारत व ब्रिटेन, पीयूष गोयल ने की ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री के साथ बातचीत
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ब्रेक्जिट से जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं के पूरा होने के साथ ही भारत और ब्रिटेन के बीच कारोबारी रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश शुरु हो गई है। दोनो देशों के बीच फिलहाल एक सीमित कारोबारी समझौता करने को लेकर बातचीत का दौर जारी कर दिया गया है। इस समझौते को आगे चल कर मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का रूप दिया जाएगा।

सोमवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री एलिजाबेथ ट्रस के बीच इस बारे में महत्वपूर्ण विमर्श हुआ है। इसके पहले हाल ही में भारत व ब्रिटेन के वित्त मंत्रियों की अगुवाई में आर्थिक सहयोग को लेकर हुई बैठक में भी इस भावी समझौते के प्रारूप पर अहम बातचीत हुई है।

नई दिल्ली में ब्रिटेन की कार्यवाहक उच्चायुक्त डैन थॉम्पसन ने बताया कि, ''दोनो देशों के बीच एक कारोबारी समझौते को लेकर बातचीत हो रही है जो भावी एफटीए की तरफ पहला कदम होगा। दोनो देशों के बीच कारोबारी रिश्ते को प्रगाढ़ करने की अपार संभावनाएं है। द्विपक्षीय कारोबार 24 अरब डॉलर का है जिसमें पिछले वर्ष 10 फीसद का इजाफा हुआ है।

अब ब्रिटेन ने स्वतंत्र तरीके से कारोबारी नीति लागू करने की शुरुआत कर चुका है तो भारत के साथ ऐसे संबंध बनाये जा सकेंगे जिससे दोनो देशों को फायदा हो।'' सनद रहे कि यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया के काफी लंबा खींच जाने की वजह से भारत व ब्रिटेन के आर्थिक संबंधों पर विपरीत असर पड़ा है। सुश्री थॉम्पसन ने बताया कि भारत व ब्रिटेन के भावी रिश्ते में ट्रेड व निवेश को सबसे ज्यादा वरीयता मिलेगा।

उन्होंने बताया कि, ''ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन जल्द से जल्द भारत की यात्रा पर आने को उत्सुक हैं। दोनो देशों के बीच अगले एक दशक के साझा सहयोग का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस सहयोग में हिंद प्रशांत महासागर की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होगी। ब्रिटेन हिंद-प्रशांत सेक्टर को लेकर अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रहा है।''

सनद रहे कि विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला पिछले हफ्ते ब्रिटेन की यात्रा पर थे जहां उन्होंने ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया था कि वह हिंद-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करे। यूरोपीय संघ की अन्य दो बड़ी शक्तियों फ्रांस और जर्मनी ने इस क्षेत्र को लेकर अपनी रणनीति सार्वजनिक कर दी है और यह पूरी तरह से भारत की सोच के मुताबिक है।

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