Credit Card से कर रहे हैं इनकम टैक्स पेमेंट, पहले जान लीजिए ये खबर
Income Tax Payment Through Credit Card गौरतलब है कि इनकम टैक्स रिटर्न की नई साइट में करीब 40 समस्याएं हैं। आयकर संबंधी पेशेवर सेवाएं देने वालों के संगठन डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स एसोसियेशन (DPTA) ने भी दिक्कत को लेकर जिक्र किया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल ही में नया आयकर रिटर्न ई-फाइलिंग पोर्टल लॉन्च किया है। नई वेबसाइट में कई विशेषताएं हैं जिससे करदाताओं के लिए अपना रिटर्न दाखिल करना आसान हो जाएगा। लेकिन इसमें कुछ खामियां भी नजर आ रही हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए काम चल रहा है।
करदाता नेटबैंकिंग, यूपीआई (Unified Payments Interface), RTGS (Real-Time Gross Settlement), NEFT (National Electronic Funds Transfer) और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड के जरिए भी टैक्स का भुगतान कर सकेंगे। अब तक करदाताओं के पास केवल बड़े निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नेटबैंकिंग के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प था। यहां तक कि अधिकांश छोटे निजी क्षेत्र के बैंक या विदेशी और सहकारी बैंक भी इसका हिस्सा नहीं थे। अतिरिक्त विकल्प मिलने से करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करना आसान बना देंगे।
कई करदाताओं के लिए नेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान करना मुश्किल था, क्योंकि उनके बैंक आई-टी विभाग की सिस्टम का हिस्सा नहीं थे। क्रेडिट कार्ड से भी कर का भुगतान हो सकता है लेकिन, विशेषज्ञ करदाताओं को इसे अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यदि आप कर का भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप समय पर भुगतान कर रहे हैं। कई बार क्रेडिट कार्ड से टैक्स का भुगतान तो जाएगा, लेकिन आप क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान से चूक सकते हैं, और अगर क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर नहीं होगा तो इसपर आपको बाद में ज्यादा ब्याज देना होगा।
गौरतलब है कि इनकम टैक्स रिटर्न की नई साइट में करीब 40 समस्याएं हैं। आयकर संबंधी पेशेवर सेवाएं देने वालों के संगठन डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स एसोसियेशन (DPTA) ने भी दिक्कत को लेकर जिक्र किया है। डीपीटीए ने वित्त मंत्री से कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से ज्यादातर राज्यों में कार्यालयों में काम नहीं हो रहा है, इसलिए विवाद से विश्वास योजना के तहत करों के भुगतान के लिए अंतिम तारीख को दो महीने आगे बढ़ाया जाए।