करदाताओं को ब्याज और विलंब शुल्क लौटाएगा आयकर विभाग, सॉफ्टवेयर में खामी के चलते वसूला गया था अतिरिक्त ब्याज
late itr filing विभाग ने ट्वीट में कहा कि आयकर अधिनियम की धारा-234ए के तहत ब्याज की गलत गणना और आयकर अधिनियम की धारा-234एफ के तहत विलंब शुल्क जैसी त्रुटियों का निवारण पहली अगस्त को किया जा चुका है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आयकर विभाग की वेबसाइट में तकनीकी गड़बड़ी के चलते बहुत से करदाता वर्ष 2020-21 का रिटर्न समय पर दाखिल नहीं कर पाए। आयकर विभाग ने कहा है कि इन करदाताओं से जो विलंब शुल्क और अतिरिक्त ब्याज वसूला गया है, उसे वापस कर दिया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए उससे पिछले वित्त वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दी गई थी। इसके बावजूद कुछ करदाताओं ने शिकायत की थी कि जब उन्होंने 31 जुलाई के बाद रिटर्न दाखिल किया तो उनसे ब्याज और विलंब शुल्क वसूला गया।
विभाग ने ट्वीट में कहा कि आयकर अधिनियम की धारा-234ए के तहत ब्याज की गलत गणना और आयकर अधिनियम की धारा-234एफ के तहत विलंब शुल्क जैसी त्रुटियों का निवारण पहली अगस्त को किया जा चुका है। करदाताओं को सलाह है कि साफ्टवेयर के नए संस्करण का उपयोग करते हुए आनलाइन रिटर्न दाखिल करें। अगर किसी ने पहले ही रिटर्न दाखिल कर दिया है और उससे अतिरिक्त ब्याज और विलंब शुल्क वसूला गया तो विभाग उसे वापस करेगा।
बुधवार को कर विभाग ने कहा कि ब्याज की गलत गणना के कारण हुई त्रुटि को दूर करने के लिए 1 अगस्त को ही आईटीआर सॉफ्टवेयर में सुधार किया गया था।
कर विभाग ने ट्विटर पर लिखा, अगर किसी भी तरह से करदाता के ब्याज की गलत गणना की गई है, या विलंब शुल्क के साथ आईटीआर जमा कर दिया है, तो सीपीसी-आईटीआर पर प्रोसेसिंग करते समय इसकी सही गणना की जाएगी और भुगतान की गई अतिरिक्त राशि वापस कर दी जाएगी।
इस सप्ताह की शुरुआत में कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट ने कहा कि यूजर्स पहले दिन से ही साइट पर तकनीकी खामी की शिकायत की है और एक सप्ताह के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं किया गया है। करदाता पिछले ई-फाइल किए गए रिटर्न को नहीं देख पा रहे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों नए रिटर्न फाइलिंग सॉफ्टवेयर में आ रही दिक्कत के मुद्दों को उठाया था। इस सॉफ्टवेयर को इंफोसिस ने डेवेलप किया है।