रोजगार पर दिखने लगा कोरोना संक्रमण का असर, शहरी इलाके में बेरोजगारी बढ़ी

कई राज्यों में कोरोना की औचक जांच के साथ कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के साथ प्रवेश के नियम की वजह से पर्यटन क्षेत्र के रोजगार में भी कमी आएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक ग्रामीण इलाके में रबी की फसल अच्छी होने व मनरेगा में लगातार

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 08:51 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 11:22 AM (IST)
रोजगार पर दिखने लगा कोरोना संक्रमण का असर, शहरी इलाके में बेरोजगारी बढ़ी
Impact of Corona infection on employment unemployment increased in urban areas

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण का रोजगार पर असर दिखने लगा है। सीएमआइई की रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष मार्च के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर बढ़ रही है। ग्रामीण इलाके के मुकाबले शहरों में बेरोजगारी अधिक हुई है। हालांकि कोरोना की बढ़ती रफ्तार से ई-कॉमर्स सेक्टर के कारोबार में और तेजी की उम्मीद की जा रही है जिससे यहां नए रोजगार निकलेंगे।सीएमआइई की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में अब तक के रुख के मुताबिक बेरोजगारी दर 7.1 फीसद से ऊपर पर पहुंच गई है जबकि इस साल मार्च में यह 6.52 फीसद थी। 

अप्रैल में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर आठ फीसद के स्तर पर पहुंच गई जबकि मार्च में यह दर 7.84 फीसद थी। ग्रामीण इलाके की बेरोजगारी दर अप्रैल में अब तक 6.7 फीसद बताई गई जबकि मार्च में यह दर 6.18 फीसद थी। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव शहरी रोजगार पर मार्च से ही दिखने लगा। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के शहरों में आंशिक लॉकडाउन या रात्रि कफ्र्यू जारी है। विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में मॉल, रेस्टोरेंट, बार जैसी सार्वजनिक जगहों पर कोरोना नियमों के अनुपालन में सख्ती से शहरी रोजगार में और कमी आ सकती है। 

कई राज्यों में कोरोना की औचक जांच के साथ कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के साथ प्रवेश के नियम की वजह से पर्यटन क्षेत्र के रोजगार में भी कमी आएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक ग्रामीण इलाके में रबी की फसल अच्छी होने व मनरेगा में लगातार काम मिलने से शहर के मुकाबले बेरोजगारी का स्तर कम है। ई-कॉमर्स कंपनियां तैयारइन सबके बीच अच्छी खबर यह है कि ई-कॉमर्स कंपनियां नई नौकरी देने की तैयारी कर रही हैं। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए एक बार फिर से ई-कॉमर्स के कारोबार में भारी उछाल की उम्मीद की जा रही है। 

फ्लिपकार्ट के चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार के मुताबिक इस महामारी के दौरान कंपनी ग्राहकों को सुरक्षित तरीके से सप्लाई देने का काम जारी रखेगी। ई-कॉमर्स की चेन से जुड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स व वेयरहाउ¨सग जैसी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए सैकड़ों नए रोजगार का सृजन जारी रहेगा।' कुमार ने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स कारोबार बढ़ने से डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूती मिलने के साथ नए लोगों को उद्यमी बनने का भी मौका मिलेगा। वर्ष 2024 तक भारत में ई-कॉमर्स का कारोबार 111 अरब डॉलर यानी करीब करीब आठ लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।

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