IIP: औद्योगिक उत्पादन में मई महीने के मुकाबले जून में कम रहा संकुचन, धीरे-धीरे खुल रही अर्थव्यवस्था

IIP जून महीने में संकुचन में यह कमी कोर सेक्टर के उत्पादन के चलते आई है। कोर सेक्टर आउटपुट भी रिकवरी के संकेत दे रहा है। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 06:37 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 09:00 AM (IST)
IIP: औद्योगिक उत्पादन में मई महीने के मुकाबले जून में कम रहा संकुचन, धीरे-धीरे खुल रही अर्थव्यवस्था
IIP: औद्योगिक उत्पादन में मई महीने के मुकाबले जून में कम रहा संकुचन, धीरे-धीरे खुल रही अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के औद्योगिक उत्पादन में लगातार चौथे महीने जून में संकुचन दर्ज किया गया है। जून 2020 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 16.6 फीसद का संकुचन आया है। इससे पहले मई महीने में आईआईपी में 33.9 फीसद संकुचन दर्ज किया गया था। मई महीने में कारोबारी गतिविधियों में प्रतिबंध आसान होना शुरू हुए थे। जून में धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों के शुरू होने के कारण संकुचन में कमी आई है।

जून महीने में संकुचन में यह कमी कोर सेक्टर के उत्पादन के चलते आई है। कोर सेक्टर आउटपुट भी रिकवरी के संकेत दे रहा है। जून महीने में कोर सेक्टर आउपुट के संकुचन में भी कमी आई है। आठ कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज मिलकर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 40 फीसद हिस्सा रखती है।

Index of Industrial Production (IIP) for June 2020: Use-Based Classification#KnowYourStats #DataForGrowth pic.twitter.com/AnMHrkcgJy

— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) August 11, 2020

Monthly index since the month of April: At Sectoral level#KnowYourStats #DataForGrowth pic.twitter.com/4156tIyuBQ

— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) August 11, 2020

Index of Industrial Production (IIP) for June 2020: Sectoral#KnowYourStats #DataForGrowth pic.twitter.com/Wa5VULQoL8— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) August 11, 2020

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल औद्योगिक उत्पादन में 35.9 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी अनुमान लगाया है कि इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में संकुचन होगा। यह करीब 40 साल में पहली बार होगा।

यह भी पढ़ें: बिना UAN के इस तरह जानें अपना PF Balance और करें ईपीएफ अकाउंट से निकासी

हालांकि, जून में संकुचन घटने के बाद जुलाई महीने में भारत के पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण बढ़ने के चलते उच्च आवृत्ति वाले मैक्रो संकेतकों ने गिरावट को दिखाया है। महामारी का संक्रमण बढ़ने से स्थानीय प्रसाशन नए प्रतिबंध लगाने को मजबूर हुआ है, जिस कारण व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।

chat bot
आपका साथी