IIP Data: मार्च में भारत के औद्योगिक उत्पादन में 22.4% का उछाल, जानें कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद इस वृद्धि की वजह

IIP Data भारत के औद्योगिक उत्पादन में इस साल मार्च में सालाना आधार पर 22.4 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच बेस इफेक्ट की वजह से देश के फैक्टरी आउटपुट में यह उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:21 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:59 PM (IST)
IIP Data: मार्च में भारत के औद्योगिक उत्पादन में 22.4% का उछाल, जानें कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद इस वृद्धि की वजह
यह आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब देशभर में कोविड-19 की दूसरी लहर देखने को मिल रही है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के औद्योगिक उत्पादन में इस साल मार्च में सालाना आधार पर 22.4 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सरकार की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों में ऐसा कहा गया है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2021 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन में एक साल पहले के समान महीने की तुलना में 25.8 फीसद का उछाल देखने को मिला। इसी तरह इस साल मार्च में माइनिंग आउटपुट में 6.1 फीसद एवं बिजली के उत्पादन में 22.5 फीसद का उछाल देखने को मिला। 

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच बेस इफेक्ट की वजह से देश के फैक्टरी आउटपुट में यह उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है। मार्च, 2020 में भारत के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 18.7 फीसद का संकुचन देखने को मिला था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोनावायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। इससे आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल थम गई थी। कमजोर बेस इफेक्ट की वजह से इस बार यह उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है।

Industrial production grows 22.4 per cent in March: Govt data

— Press Trust of India (@PTI_News) May 12, 2021

मार्च 2021 के औद्योगिक उत्पादन का यह आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब देशभर में कोविड-19 की दूसरी लहर देखने को मिल रही है। इस वजह से कई राज्यों ने लॉकडाउन या ऐसी पाबंदियां घोषित की हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियों पर असर देखने को मिला है। इससे इकोनॉमिक रिकवरी की राह सुस्त पड़ती दिखाई दे रही है। 

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में IIP में 8.6 फीसद का संकुचन देखने को मिला। वित्त वर्ष 2019-20 में औद्योगिक उत्पादन में 0.8 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी। 

इसी बीच इस साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर में मार्च, 2021 के मुकाबले नरमी देखने को मिली। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाने-पीने के सामाने के दाम में नरमी से मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति में यह कमी देखने को मिली। 

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