इफको पुराने दाम पर ही बेचेगा गैर यूरिया खाद का पुराना स्टॉक
केंद्र सरकार हर साल उन्हें तय सब्सिडी देती है। वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से कुछ निजी खाद कंपनियों ने गैर यूरिया खादों की कीमत बढ़ाने का फैसला किया है। कीमतों पर इफको के प्रवक्ता ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा
नई दिल्ली, पीटीआइ। सहकारी संघ इफको ने गैर यूरिया खादों की कीमतें बढ़ने की खबरों के बाद सफाई दी है। इफको ने स्पष्ट किया उसके पास 11.26 लाख टन उर्वरकों का पुराना स्टॉक रखा है। पहले के दाम पर ही इस स्टॉक की बिक्री होती रहेगी। बाजार में उर्वरकों की नई कीमतें किसानों को बिक्री के लिए नहीं हैं। यूरिया के बाद देश में सबसे ज्यादा बिक्री डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) की होती है।डीएपी, एमओपी और एनपीके जैसे गैर यूरिया खादों की खुदरा कीमतें कंपनियां तय करती हैं।
केंद्र सरकार हर साल उन्हें तय सब्सिडी देती है। वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से कुछ निजी खाद कंपनियों ने गैर यूरिया खादों की कीमत बढ़ाने का फैसला किया है। कीमतों पर इफको के प्रवक्ता ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, 'इफको पुराने स्टॉक की बिक्री करता रहेगा। इनकी कीमत भी पहले वाली ही रहेगी। नई कीमतें वाले बैग अभी स्टोरेज के लिए संयंत्रों की तरफ से भेजे गए हैं। पुराना स्टॉक खत्म होने के बाद जब इनकी बिक्री का समय आएगा, तब तक संभवत: इनकी कीमतें भी नीचे आ जाएंगे।
अभी कच्चे माल की मौजूदा लागत के आधार पर अनुमानित कीमतें छापी गई हैं।'इफको के प्रवक्ता ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं से कीमतों को कम करने के लिए व्यापक चर्चा चल रही है। किसानों के हित में कीमतों को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। कीमतों को लेकर इफको के सीईओ एवं एमडी यूएस अवस्थी ने ट्वीट किया, 'हम ऐसी खबरों और ट्वीट पर सख्त आपत्ति जताते हैं, जिनमें कीमतों में वृद्धि को किसी पार्टी या सरकार से जोड़कर पेश किया जा रहा है।
कीमतों पर कंपनियों का नियंत्रण होता है। इनका सरकार या किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं।' उन्होंने कहा कि इफको एक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है। यहां नए मैटेरियल को डिस्पैच करने के लिए बैग पर लागत को प्रिंट करना होता है। यह केवल अनुमानित लागत है। अवस्थी ने कहा कि अभी पुराना स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आगे भी किसानों के हित में फैसला लिया जाएगा।