IDBI Bank sales:अधिकतर बैंक मर्चेंट बैंकरों ने प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मांगा एक साल का वक्त

बाजार सूत्रों के अनुसार हाल ही में आयोजित निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के समक्ष एक प्रस्तुति के दौरान अधिकांश पात्र लेनदेन सलाहकारों ने IDBI बैंक के निजीकरण प्रक्रिया के कई चरणों को पूरा करने के लिए 50-52 हफ्ते की समय सीमा दी है।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 02:02 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 02:02 PM (IST)
IDBI Bank sales:अधिकतर बैंक मर्चेंट बैंकरों ने प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मांगा एक साल का वक्त
IDBI बैंक बिक्री के लिए अधिकतर बैंक मर्चेंट बैंकरों ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए मांगा एक साल का वक्त

नई दिल्ली, पीटीआइ। LIC द्वारा नियंत्रित IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री की सुविधा के लिए बोली जमा करने वाले अधिकांश मर्चेंट बैंकरों ने विस्तृत प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक वर्ष की समय-सीमा का संकेत दिया है। सूत्रों के हवाले इस खबर की पुष्टि हुई है। बाजार सूत्रों ने कहा कि हाल ही में आयोजित निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के समक्ष एक प्रस्तुति के दौरान, अधिकांश पात्र लेनदेन सलाहकारों ने IDBI बैंक के निजीकरण प्रक्रिया के कई चरणों को पूरा करने के लिए 50-52 सप्ताह की समय सीमा दी है।

हालांकि, सरकार का इरादा चालू वित्त वर्ष के दौरान ही लेनदेन को पूरा करने का है। इस प्रकार मर्चेंट बैंकर को लगभग 26 सप्ताह या छह महीने में खरीदार ढूंढना होता है। बाजार के सूत्रों के अनुसार अब तक डेलॉइट टौच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी, अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, केपीएमजी, आरबीएसए कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड की तरफ से सात बोलियां प्राप्त हुई हैं।

भारत सरकार की ओर से दीपम ने IDBI बैंक के रणनीतिक विनिवेश की सुविधा और सहायता के लिए प्रतिष्ठित पेशेवर परामर्श फर्मों या निवेश बैंकरों या मर्चेंट बैंकरों या वित्तीय संस्थानों से लेनदेन सलाहकारों से बोलियां आमंत्रित करने के लिए जून में एक निविदा जारी की थी। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 13 जुलाई थी। केपीएमजी ने 1 रुपये की सबसे कम बोली लगाई और उसे लेनदेन सलाहकार के रूप में चुना गया, बाजार सूत्रों ने कहा, फर्म 1 रुपये में बिक्री में सरकार की सहायता करेगी। कैबिनेट ने मई में प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।

केंद्र सरकार और LIC के पास IDBI बैंक की 94 फीसद से अधिक शेयर है। LIC, जिसके पास वर्तमान में प्रबंधन नियंत्रण है, की 49.24 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि सरकार की 45.48 फीसद हिस्सेदारी है। वहीं गैर-प्रवर्तक हिस्सेदारी 5.29 फीसद है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने बजट में कहा था कि IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में पूरी हो जाएगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और निजीकरण से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। 1.75 लाख करोड़ रुपये में से 1 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से और 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश प्राप्तियों के माध्यम से आना है।

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