इंडिया पोस्ट बैंक को छोटे फाइनेंस बैंक में बदल सकती है सरकार, टास्क फ़ोर्स का गठन
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को बढ़ाकर सभी नागरिकों को बढ़ी हुई बचत और कर्ज तक पहुंच प्रदान करना होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार इंडिया पोस्ट और पेमेंट बैंक को फाइनेंस बैंक में बदलने की संभावना तलाश रही है। इस बारे में सरकार की ओर से बुधवार को लोकसभा में बयान दिया गया। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सरकार इंडिया पोस्ट और पेमेंट बैंक को छोटे फाइनेंस बैंक में बदलने की संभावना तलाश रही है, इस बारे में अध्ययन के लिए एक टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है।' लोकसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को बढ़ाकर सभी नागरिकों को बढ़ी हुई बचत और कर्ज तक पहुंच प्रदान करना होगा।
इंडिया पोस्ट को वित्त वर्ष 2019 में 15,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। यह एयर इंडिया और बीएसएनएल को पछाड़कर सबसे ज्यादा घाटे वाली पब्लिक सेक्टर बैंक रही। बता दने कि सार्वजनिक या निजी पेमेंट बैंकों ने भारत में ज्यादा काम नहीं किया है। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक लिमिटेड जो कि एक पूर्ण सेवा डिजिटल बैंक है ने कहा है कि वह अपने संचालन को बंद कर रहा था। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक भी बढ़ते वेतन बिल से बचने के लिए संघर्ष कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि बैंक के बदलाव के लिए आरबीआई की मंजूरी का इंतजार है।
एक छोटे वित्त बैंक के रूप में यह 1 लाख रुपये से अधिक की जमा राशि और एडवांस लोन स्वीकार कर सकता है। छोटे वित्त बैंक लाइसेंस वाले बैंक जमा और कर्ज की स्वीकृति की बुनियादी बैंकिंग सेवा दे सकते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय समावेशन में सुधार के लिए नवंबर, 2014 में पेमेंट बैंकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। शुरुआत से ही भुगतान बैंकों की करशैली पर संदेह था क्योंकि इन बैंकों के संचालन बहुत ही प्रतिबंधित हैं।