पेट्रोल-डीजल में आत्मनिर्भर बनने को तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन पर ध्यान देगी सरकार: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को यह बयान दिया है कि सरकार भारत को ऊर्जा की आवश्यकता में एक आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:08 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:08 PM (IST)
पेट्रोल-डीजल में आत्मनिर्भर बनने को तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन पर ध्यान देगी सरकार: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
सरकार भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन पर ध्यान दे रही है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि, "सरकार भारत को ऊर्जा की आवश्यकता में एक आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। साल 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसद इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करने के ट्रैक पर काम किया जा रहा है।"

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने कहा कि "ईंधन में नौ फीसद एथेनॉल मिश्रण करने में पहले ही कामयाबी हासिल हो चुकी है। विदेशी और घरेलू निवेश आकर्षित करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ईंधन में एथेनॉल सम्मिश्रण बढ़ाना महत्वपूर्ण है। भारत अपनी लिक्विड हाइड्रोकार्बन जरूरत का लगभग 85 फीसद आयात करता है और 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करता है।"

सरकार साल 2025 तक 20 फीसद इथेनॉल-मिश्रित ईंधन रखने का लक्ष्य बना रही है। इससे पहले, सरकार ने 2030 तक लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई थी। खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करने वाले जैव-ईंधन कच्चे माल की बड़े पैमाने पर खेती की आशंकाओं को दूर करते हुए, पुरी ने कहा, "हम इथेनॉल के लिए उत्तर-पूर्व क्षेत्र में कृषि अपशिष्ट और यहां तक ​​​​कि बांस को भी देख रहे हैं। इसलिए, यह कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।"

पुरी ने बुधवार की शाम कोलकाता में यंग लीडर्स फोरम के सहयोग से इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र में यह बयान दिया। यह पूछे जाने पर कि सरकार अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) गतिविधियों को गति देने के लिए क्या कर रही है, मंत्री ने कहा, "हम कुछ कर रहे हैं लेकिन यह घोषणा करने का मंच नहीं है।"

भारत में 26 तलछटी बेसिन हैं जो 3.14 मिलियन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करते हैं। एक नीति पर्यवेक्षक के अनुसार, "इनमें से केवल छह का ही व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।" राष्ट्रीय निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी ने अनुमान लगाया कि 2023 तक ईएंडपी क्षेत्र में 58 बिलियन अमरीकी डालर और 2024 तक प्राकृतिक गैस के बुनियादी ढांचे में 60 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया जाएगा।

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