डिडिवेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में बदलाव का सोच रही सरकार, निवेशकों को होगा फायदा
Dividend Distribution Tax मोदी सरकार द्वारा जीडीपी ग्रोथ को निचले स्तर से उठाने की दिशा में लिये गए फैसलों में एक ताजा फैसला यह बन सकता है।
नई दिल्ली, ब्लूमबर्ग। केंद्र सरकार डिडिवेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (dividend distribution tax) में बदलाव के बारे में सोच रही है। यह बदलाव इस तरह का है, जिससे निवेशकों का रिटर्न बढ़ेगा। इस मामले के जानकारों के अनुसार, अथॉरिटी फॉरेन फंड्स इनफ्लो को पुनर्जीवित करने की सोच रही है। इसी दिशा में सरकार यह बदलाव कर सकती है।
सरकार इस साल फरवरी में बजट के दौरान टैक्स डिडिवेंड का प्रस्ताव ला सकती है। मामले के जानकारों के अनुसार, बजट में यह प्रस्ताव आ सकता है कि टैक्स डिविडेंड कंपनी के बजाय शेयरहोल्डर्स को दिया जाए। मामले से जुड़े सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि अब निवेशक अपने होम ज्यूरिडिक्शन में ही रिफंड क्लेम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा जीडीपी ग्रोथ को छह साल के निचले स्तर से उठाने की दिशा में लिये गए फैसलों में एक ताजा फैसला यह बन सकता है। पिछले महीनों में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करने, सरकारी बैंकों में 10 बिलियन डॉलर की राशि डालने और विदेश निवेश के नियमों को सरल करने जैसे कई कदम उठाए हैं।
वित्त मंत्रालय के एक प्रवक्ता से इस मामले से जुड़ी बातचीत के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन जवाब देने से मना कर दिया गया। इससे पहले इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार एक पैनल की सिफारिश के बाद यह कदम उठा सकती है।
इससे देशी कंपनियों को डिविडेंड पर 15 फीसद कर देना पड़ सकता है। यह सरचार्ज जोड़ने पर बढ़कर 20 फीसद जाएगा। बता दें कि सरकार के खजाने में हर साल डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के कारण 600 अरब रुपए आते हैं। जानकारों का कहना है कि नए प्लान से इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।