विस्ट्रॉन मामले पर सरकार गंभीर, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने लिया संज्ञान, प्राथमिक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई

एपल के लिए फोन बनाने वाली कंपनी विस्ट्रॉन की कर्नाटक यूनिट में हुई हिंसा पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। श्रम मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक प्राथमिक जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है लेकिन अभी सरकार पूरे मामले पर अपनी नजर रख रही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 01:57 PM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 04:10 PM (IST)
विस्ट्रॉन मामले पर सरकार गंभीर, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने लिया संज्ञान, प्राथमिक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई
आईफोन निर्माता कंपनी एपल P C: Pexels

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एपल के लिए फोन बनाने वाली ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन की कर्नाटक यूनिट में हुई हिंसा पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। श्रम मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक प्राथमिक जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है, लेकिन अभी सरकार पूरे मामले पर अपनी नजर रख रही है। दूसरी तरफ, एपल ने कहा कि पूरे मामले में विस्ट्रॉन की तरफ से सही कार्रवाई नहीं किए जाने तक उसे एपल की तरफ से कोई भी नया ऑर्डर नहीं दिया जाएगा। वहीं, विस्ट्रॉन ने लगभग एक सप्ताह पूर्व इस ¨हसा के मामले में यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट को निलंबित कर दिया है। विस्ट्रॉन ने अपनी प्रबंधकीय टीम को रिस्ट्रक्चर करने की भी जानकारी दी है।

एपल की तरफ से यह भी कहा गया है कि कर्नाटक के कोलार जिले के नरसापुर में स्थित विस्ट्रॉन की यूनिट में हुई ¨हसा की जांच एपल अपने स्तर पर कर रही है। हालांकि प्राथमिक जांच में पाया गया है कि श्रमिकों के काम के घंटे और उससे जुड़े भुगतान के संबंध को लेकर प्रबंधन से विवाद हुआ था। एपल का कहना है कि इस घटना को लेकर वह काफी निराश है।

शनिवार को श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विस्ट्रॉन का निवेश भारत के लिए काफी अहम है और सरकार हर हाल में निवेश के अनुकूल माहौल को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में स्थानीय स्तर के लोगों की संलिप्तता इस ¨हसा में पाई गई है। लेकिन अभी सरकार पूरे मामले को लेकर सजग है।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भी विस्ट्रॉन मामले की हर दिन रिपोर्ट ले रहा है। हालांकि विस्ट्रॉन में हिंसा के बाद यह भी चर्चा चली थी कि दूसरे देश भारत में निवेश के माहौल को खराब करना चाहते हैं, इसलिए विस्ट्रॉन की हिंसा के पीछे उनका हाथ हो सकता है। लेकिन श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने इस प्रकार की अटकलों को पूरी तरह से निराधार बताया।

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं दोहराए जाने पर भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को धक्का लग सकता है। विस्ट्रॉन की यूनिट में ठेके पर काम करने वाले 8,500 श्रमिक हैं तो 1,500 श्रमिक स्थायी बताए गए हैं।

जानें पूरा घटनाक्रम

कर्नाटक में कोलार जिले के नरसापुरा स्थित विस्ट्रॉन संयंत्र में 12 दिसंबर को कर्मचारियों ने जमकर तोड़फोड़ की थी, जिससे एपल को करोड़ों का नुकसान हुआ था। कर्मचारियों का आरोप था कि कंपनी ने उन्हें उचित मेहनताना नहीं दिया, एपल की प्राथमिक जांच में पता चला कि विस्ट्रॉन कर्मचारी प्रबंधन में विफल रही।

शनिवार को एपल ने कहा कि जब तक दोषियों के खिलाफ विस्ट्रॉन कड़ी कार्रवाई नहीं करती, तब तक ताइवान के इस कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर को नया ऑर्डर नहीं दिया जाएगा, विस्ट्रॉन ने अपने वाइस प्रेसिडेंट को हटा दिया।कर्नाटक के श्रम मंत्रालय के मुताबिक संयंत्र में 5,000 कर्मचारियों से ही काम लेने की इजाजत थी, लेकिन बढ़ी जरूरतों को देखते हुए कंपनी में 10,500 कर्मचारी कार्यरत थे, कंपनी क्षमता से अधिक कर्मियों का ठीक से प्रबंधन नहीं कर पाई और कई कानूनों का उल्लंघन किया।

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