चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार को 15.06 लाख करोड़ राजकोषीय घाटे का अनुमान

पिछली बार कोरोना महामारी से निपटने में किए गए खर्च के चलते व्यय और राजस्व के बीच का अंतर बजट अनुमान के 119.7 प्रतिशत तक बढ़ गया था। कैग ने कहा कि अक्टूबर के अंत तक राजकोषीय घाटा 547026 करोड़ रुपये था।

By Manish MishraEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:03 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:03 AM (IST)
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार को 15.06 लाख करोड़ राजकोषीय घाटे का अनुमान
Government estimates fiscal deficit of Rs 15.06 lakh crore for the current financial year

नई दिल्ली, पीटीआइ। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान सरकार का राजकोषीय घाटा 5.47 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह कुल वित्तीय घाटा बजट अनुमान का 36.3 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में स्थिति बेहतर दिखाई दे रही है। पिछली बार कोरोना महामारी से निपटने में किए गए खर्च के चलते व्यय और राजस्व के बीच का अंतर बजट अनुमान के 119.7 प्रतिशत तक बढ़ गया था। कैग ने कहा कि अक्टूबर के अंत तक राजकोषीय घाटा 5,47,026 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार को 15.06 लाख करोड़ राजकोषीय घाटे का अनुमान है। यह कुल जीडीपी का 6.8 प्रतिशत है।

आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क में राहत देने के बावजूद केंद्र सरकार का सकल कर राजस्व वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है। इसमें से लगभग 60,000 करोड़ रुपये राज्यों के साथ साझा किए जाएंगे। कैग के अनुसार इस साल अक्टूबर तक कुल राजस्व प्राप्ति 12.79 लाख करोड़ रही। जबकि इस दौरान व्यय 18.26 लाख करोड़ रुपये रहा।

कोर सेक्टर में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी

जागरण ब्यूरो। पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले कोर सेक्टर में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल सितंबर में कोर सेक्टर में 4.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। कोर सेक्टर में आठ प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। इनमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, खाद, स्टील, सीमेंट व बिजली शामिल हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कच्चे तेल को छोड़ सभी क्षेत्रों के उत्पादन में अक्टूबर में बढ़ोतरी रही। कच्चे तेल का उत्पादन समीक्षाधीन अवधि में 2.2 प्रतिशत गिरा।

अक्टूबर में कोयले के उत्पादन में पिछले वर्ष समान महीने के मुकाबले 14.6 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस में 25.8, रिफाइनरी उत्पादन में 14.4, खाद में 0.04, स्टील में 0.9, सीमेंट में 14.5 तो बिजली में 2.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। इस साल अक्टूबर में कोयला और बिजली दोनों के उत्पादन में सितंबर से अधिक बढ़ोतरी रही। सितंबर में कोयले की कमी से बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ था। सितंबर में कोयले के उत्पादन में आठ प्रतिशत तो बिजली के उत्पादन में सिर्फ 0.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

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