पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज टैक्स से सरकार की कमाई बढ़ी, इस राज्य के कई शहरों में पेट्रोल 120 रुपये के पार

सीजीए के अनुसार 2018-19 में कुल एक्साइज टैक्स कलेक्शन 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें से 35874 करोड़ रुपये राज्यों को वितरित किए गए थे। इससे पिछले 2017-18 के वित्त वर्ष में 2.58 लाख करोड़ रुपये में से 71759 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए थे।

By NiteshEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 01:07 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 01:07 PM (IST)
पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज टैक्स से सरकार की कमाई बढ़ी, इस राज्य के कई शहरों में पेट्रोल 120 रुपये के पार
Government earnings increased due to excise tax on petroleum products

नई दिल्ली, पीटीआइ। पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाला एक्साइज टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 33 प्रतिशत बढ़कर 1.71 लाख करोड़ हो गया है। अगर कोरोना पूर्व के आंकड़ों से तुलना करें तो एक्साइज कलेक्शन में 79 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई है। वित्त मंत्रालय में लेखा परीक्षक एवं लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के मुताबिक, पिछले साल की समान अवधि में एक्साइज टैक्स कलेक्शन 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा था। जबकि अप्रैल-सितंबर, 2019 के दौरान यह 95,930 करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों से सरकार का एक्साइज टैक्स कलेक्शन 3.89 लाख करोड़ रुपये रहा था। जबकि 2019-20 में यह 2.39 लाख करोड़ रुपये था। जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस पर ही एक्साइज टैक्स लगता है। अन्य उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी लगता है।

सीजीए के अनुसार, 2018-19 में कुल एक्साइज टैक्स कलेक्शन 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें से 35,874 करोड़ रुपये राज्यों को वितरित किए गए थे। इससे पिछले 2017-18 के वित्त वर्ष में 2.58 लाख करोड़ रुपये में से 71,759 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए थे। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में पेट्रोलियम उत्पादों पर बढ़ा हुआ एक्साइज टैक्स कलेक्शन 42,931 करोड़ रुपये रहा था। यह सरकार की पूरे साल के लिए बांड देनदारी 10,000 करोड़ रुपये का चार गुना है। ये तेल बांड पूर्ववर्ती कांग्रेस की अगुआई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में जारी किए गए थे।

ज्यादातर एक्साइज टैक्स पेट्रोल और डीजल की बिक्री से हासिल हुआ है। अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर आने के साथ वाहन ईधन की मांग बढ़ रही है। उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में बढ़ा हुआ उत्पाद शुल्क संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रह सकता है।

मध्य प्रदेश के कई शहरों में पेट्रोल 120 रुपये के पार

रविवार को लगातार चौथे दिन वाहन ईधन के दामों में सरकार ने वृद्धि की। पेट्रोल और डीजल की कीमत में 35-35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इस वृद्धि के बाद मध्य प्रदेश के कई शहरों (पन्ना, सतना, रीवा, शहडोल, छिंदवाड़ा, बालाघाट) में पेट्रोल की कीमतें 120 रुपये के पार चली गई हैं।

वहीं दिल्ली में पेट्रोल 109.34 रुपये और डीजल 98.07 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 115.15 रुपये और डीजल 106.23 रुपये हो गया है। राजस्थान के गंगानगर में पेट्रोल के दाम 121.52 रुपये और डीजल 112.44 रुपये प्रति लीटर हैं। 28 सितंबर के बाद से पेट्रोल की कीमत में 25 बार वृद्धि की गई है। वहीं 24 सितंबर के बाद डीजल की कीमत में 28 बार वृद्धि की गई है।

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