Goldman Sachs ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 11.1 फीसद किया

भारत इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। यहां इस महामारी से मृतकों की संख्या 2.22 लाख को पार कर गई है और प्रतिदिन संक्रमण का आंकड़ा 3.5 लाख से अधिक जा पहुंचा है। इसके चलते देशव्यापी कठोर लॉकडाउन की मांग उठने लगी है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 03:06 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:56 AM (IST)
Goldman Sachs ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 11.1 फीसद किया
India growth forecast for FY22 P C : ANI

नई दिल्ली, पीटीआइ। वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटा दिया है। गोल्डमैन ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 11.1 फीसद कर दिया है। भारत के कई राज्यों और शहरों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए आंशिक व पूर्ण लॉकडाउन के चलते गोल्डमैन ने अपने अनुमान को घटाया है।

भारत इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। यहां इस महामारी से मृतकों की संख्या 2.22 लाख को पार कर गई है और प्रतिदिन संक्रमण का आंकड़ा 3.5 लाख से अधिक जा पहुंचा है। इसके चलते देशव्यापी कठोर लॉकडाउन की मांग उठने लगी है। अभी तक मोदी सरकार द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंध लगाने का फैसला राज्य सरकारों पर ही डाला गया है।

गोल्डमैन ने कहा, 'आर्थिक गतिविधियों के जुलाई-सितंबर तिमाही से तेजी से वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है। यह मानकर कि उस समय प्रतिबंध कम कर दिये जाएंगे, हमने वित्त वर्ष 2022 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को पहले के 11.7 फीसद से घटाकर 11.1 फीसद कर दिया है। साथ ही हमरा कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए वृद्धि का अनुमान  9.7 फीसद है।'

हाल ही में वैश्विक ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज (Barclays) ने भी वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती की है। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार और कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण दर व मरने वाले लोगों की तेजी से बढ़ती संख्या से उत्पन्न हुई अनिश्चितता के कारण बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को पहले के 11 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर दिया है। 

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि अगर मौजूदा स्थानीय लॉकडाउन जून तक चलता है, तो इससे 38.4 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा। बार्कलेज ने चेताते हुए कहा कि महामारी के अधिक निराशावादी परिदृश्य में अगर शीघ्र ही नियंत्रण नहीं पाया जा सका और आवाजाही पर अगस्त तक प्रतिबंध जारी रहे, तो ग्रोथ रेट गिरकर 8.8 फीसद तक आ सकती है।

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