GoAir समेत दो IPO की फाइल यहां है फंसी, जानिए क्‍यों नहीं लॉन्‍च हुए ऑफर

IPO market news GoAir और Aditya Birla Sun life Insurance के IPO के लॉन्‍च होने में पेच फंस गया है। दरअसल दोनों कंपनियों के IPO की फाइल Sebi के पास थी जो अब तक पास नहीं हुई है।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Tue, 29 Jun 2021 08:48 AM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 08:48 AM (IST)
GoAir समेत दो IPO की फाइल यहां है फंसी, जानिए क्‍यों नहीं लॉन्‍च हुए ऑफर
Sebi ने आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के IPO के प्रस्ताव पर अपने फैसले को टाल दिया है। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। GoAir और Aditya Birla Sun life के IPO के लॉन्‍च होने में पेच फंस गया है। दरअसल दोनों कंपनियों के IPO की फाइल Sebi के पास थी, जो अब तक पास नहीं हुई है। Sebi ने आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के IPO के प्रस्ताव पर अपने फैसले को टाल दिया है। सेबी की वेबसाइट पर इस प्रस्ताव से संबंधित सोमवार को डाली गयी सूचना से यह जानकारी मिली। कुछ ऐसा ही GoAir के साथ हुआ। हालांकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस बारे में और कुछ नहीं कहा है।

संपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) ने IPO के जरिये पैसा जुटाने को लेकर सेबी के पास अप्रैल में जरूरी दस्तावेज जमा किये थे। ताजा सूचना के अनुसार सेबी ने कोई कारण बताये कहा कि IPO के फैसले को फिलहाल टाला जाता है। बाजार की भाषा में सेबी की टिप्पणी एक तरह से IPO की मंजूरी होती है। अंतिम फैसले के बगैर IPO नहीं लाया जा सकता।

आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी लि. आदित्य बिड़ला समूह और सन लाइफ फाइनेंशियन इंक की संयुक्त उद्यम है। प्रस्ताव के तहत 3.88 करोड़ शेयर की बिक्री की जानी है। इसमें आदित्य बिड़ला कैपिटल 28.51 लाख तक की संख्या में अपने शेयर और सन लाइफ एएमसी 3.68 करोड़ अपने पास के शेयर बेचने वाली है। यह कंपनी की चुकता पूंजी का कुल 13.50 प्रतिशत बनेगा। इससे कुल 1500-2000 करोड़ रुपये की पूंजी मिलने का अनुमान है।

गो एयरलाइंस ने 3,600 करोड़ रुपये के IPO के लिए दस्तावेज जमा कराए थे। क्‍योंकि Sebi ने मसौदे की जांच को फिलहाल रोक दिया है। गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. ने खुद को Go First के नाम से नए सिरे से ब्रांड किया है। कंपनी ने आईपीओ के लिए दस्तावेज मई में जमा कराए थे। कंपनी आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल अपने कर्ज को चुकाने में करेगी।

सेबी की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के मुताबिक गो एयरलाइंस के आईपीओ के लिए नियामक ने अभी अपने निष्कर्ष को रोक लिया है। यह सूचना 25 जून को डाली गई है। किसी कंपनी के आईपीओ को मंजूरी के लिए सेबी की ओर से निष्कर्ष जरूरी होता है। मौजूदा नियमों के अनुसार नियामक किसी मामले में अपने निष्कर्ष 30 दिन, 45 दिन या 90 दिन या उससे अधिक दिन तक रोक सकता है।

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