BPCL के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हो सकती हैं वैश्विक कंपनियां

BPCL इस सौदे के अगले चरण के तहत बीपीसीएल विनिवेश पर संक्षिप्त टिप्पणी में कहा गया है कि लेनदेन सलाहकार और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता को एक स्थापना रिपोर्ट देनी होगी बोलीदाता को कंपनी की जरूरी अनिवार्यताएं पूरी करनी होंगी

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 08:01 AM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 07:56 AM (IST)
BPCL के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हो सकती हैं वैश्विक कंपनियां
Global oil majors may be joining race for BPCL

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल निवेश कोषों (इन्वेस्टमेंट फंडस) के साथ वैश्विक तेल कंपनियां हाथ मिला सकती हैं। अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह के साथ ही दो अमेरिकी कोष (अपोलो ग्लोबल और आइ स्क्वेयर्ड कैपिटल) ने पिछले साल भारत की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर और दूसरी सबसे बड़ी ईधन खुदरा विक्रेता कंपनी में सरकार की पूरी 52.98 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रारंभिक बोली जमा की थी।

इस सौदे के अगले चरण के तहत बीपीसीएल विनिवेश पर संक्षिप्त टिप्पणी में कहा गया है कि लेनदेन सलाहकार और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता को एक स्थापना रिपोर्ट देनी होगी, बोलीदाता को कंपनी की जरूरी अनिवार्यताएं पूरी करनी होंगी और बिक्री-खरीद समझौते को अंतिम रूप देना होगा। रिपोर्ट में अधिक विवरण दिए बिना कहा गया कि इसके अलावा चूंकि कंर्सोटियम का गठन किया जा रहा है, इसलिए बोलीदाताओं के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस की जरूरत हो सकती है।

जिन कंपनियों ने अधिग्रहण के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआइ) दाखिल किया है, उन्हें बोलीदाताओं में से किसी एक साथ साथ कंर्सोटियम बनाने की इजाजत है। भारतीय अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के साथ ही रायल डच शेल, बीपी और एक्सान जैसी वैश्विक तेल कंपनियों ने 16 नवंबर 2020 की समय सीमा तक बीपीसीएल के अधिग्रहण के लिए अभिरुचि पत्र जमा नहीं किया है।

हालांकि, मध्य पूर्व के कई शीर्ष तेल उत्पादकों और रूस के रोस्नेफ्ट के बारे में कहा गया था कि वे बीपीसीएल में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्होंने कोई बोली जमा नहीं की थी। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि यह संभव है कि वैश्विक तेल क्षेत्र की कोई बड़ी कंपनी या मध्य पूर्व के तेल उत्पादक पहले से ही दौड़ में शामिल निवेश फंड के साथ मिलकर काम कर रहे हों। एक सूत्र ने कहा कि अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अदाणी समूह के इस दौड़ में शामिल होने की संभावना नहीं है।

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