GDP Growth Forecast: Moody's के बाद अब रेटिंग एजेंसी S&P ने घटाया विकास दर से जुड़ा अनुमान

SP Global Ratings ने चालू वित्त वर्ष (2021-22) में भारत के विकास दर से जुड़े अनुमान को गुरुवार को घटाकर 9.5 फीसद कर दिया। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 11 फीसद की विकास दर का अनुमान लगाया था।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:53 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:48 PM (IST)
GDP Growth Forecast: Moody's के बाद अब रेटिंग एजेंसी S&P ने घटाया विकास दर से जुड़ा अनुमान
वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद का संकुचन देखने को मिला।

नई दिल्ली, पीटीआइ। S&P Global Ratings ने चालू वित्त वर्ष (2021-22) में भारत के विकास दर से जुड़े अनुमान को गुरुवार को घटाकर 9.5 फीसद कर दिया। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 11 फीसद की विकास दर का अनुमान लगाया था। S&P Global Ratings ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर से जुड़े पूर्व के अनुमानों को संशोधित करने के साथ-साथ इस बात को लेकर आगाह भी किया है कि कोविड-19 महामारी की और लहर आने से विकास दर से जुड़े परिदृश्य को लेकर जोखिम पैदा हो सकता है। एजेंसी ने यह कहते हुए विकास से जुड़े अनुमान को घटाया है कि अप्रैल और मई में कोविड-19 की भयावह दूसरी लहर की वजह से राज्यों द्वारा लागू लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों में गंभीर संकुचन देखने को मिला है।

S&P ने कहा है, ''हम चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसद की वृद्धि दर का अनुमान लगा रहा है। मार्च में हमने 11 फीसद का अनुमान जाहिर किया था।''

रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर बैलेंस शीट को हुए स्थायी नुकसान से अगले कुछ वर्षों में विकास दर में संकुचन देखने को मिलेगा। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 7.8 फीसद की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है।

S&P ने कहा है, ''भारत की कुल आबादी में से करीब 15 फीसद को ही अब तक वैक्सीन का कम-से-कम एक डोज लग पाया है। ऐसे में अन्य लहरों से आउटलुक को लेकर जोखिम है। हालांकि, वैक्सीन सप्लाई के गति पकड़ने का अनुमान है।''

वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद का संकुचन देखने को मिला। वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर चार फीसद पर थी।

शुरुआत में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर के दोहरे अंकों में रहने का अनुमान लगाया था लेकिन महामारी की गंभीर दूसरी लहर के चलते विभिन्न एजेंसियों ने आर्थिक विकास दर से जुड़े अपने पूर्व के अनुमानों में संशोधन कर उसे घटा दिया है।

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