एस्सार स्टील के लिए आर्सेलर मित्तल की बोली को खारिज करवाने NCLT पहुंचे GAIL और GETCO
बीते महीने एस्सार स्टील लेंडर्स की एक कमेटी ने आर्सेलर मित्तल के 42,000 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्रस्ताव को चुन लिया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गेल (इंडिया) और गुजरात की एनर्जी ट्रांसमिशन कार्पोरेशन (गेटको) ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है और मांग की है कि एस्सार स्टील को खरीदने के लिए आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की बोली को खारिज किया जाए। इन दोनों कंपनियों का कहना है कि इस अधिग्रहण योजना में एस्सार को उधार देने वाली कारोबारी कर्जदाताओं के व्यावसायिक के हितों को नजरअंदाज किया गया है।
बीते महीने एस्सार स्टील लेंडर्स की एक कमेटी ने आर्सेलर मित्तल के 42,000 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्रस्ताव को चुन लिया था। एस्सार स्टील पर बैंकों का कुल 49,395 करोड़ रुपये बकाया है जबकि आर्सेलरमित्तल ने 41,987 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए बोली लगाई है। वहीं इस प्रस्ताव के तहत ऑपरेशन क्रेडिटर्स (एस्सार स्टील को विभिन्न प्रकार का कच्चा माल और दूसरी सेवायें देने वाली कंपनियां) को मात्र 214 करोड़ रुपये ही दिए जाएंगे जबकि उनका कुल बकाया 4,976 करोड़ रुपये है।
इस संबंध में आर्सेलरमित्तल के प्रस्ताव से नाखुश गेल और गेटको ने एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ में अपना पक्ष सुनाने के लिए अलग-अलग आवेदन दायर किये हैं। इसमें कहा गया है कि उनका एस्सार स्टील पर करीब 1,800 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है जिसका भुगतान उन्हें नहीं किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ गेटको ने एक अन्य याचिका में एस्सार स्टील पर उसके पूरे 896.52 करोड़ रुपये के बकाये को दिए जाने की मांग रखी है। उसने कहा है कि अगर उसका पूरा बकाया नहीं दिया जाता है तो आर्सेलरमित्तल की समाधान योजना को खारिज कर दिया जाना चाहिए।