Future Group ने दिए संकेत, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ डील पर रोक को दे सकता है चुनौती

किशोर बियानी की अगुआई वाले फ्यूचर रिटेल ने सोमवार को संकेत दिये हैं कि वह अपने 24713 करोड़ रुपये के सौदे का बिना किसी देरी के आगे बढ़ना सुनिश्चित करने के लिए सिंगापुर स्थित मध्यस्थता केंद्र से सौदे को रोकने के मध्यस्थता फैसले को चुनौती दे सकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 01:11 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 01:25 PM (IST)
Future Group ने दिए संकेत, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ डील पर रोक को दे सकता है चुनौती
ई - कॉमर्स कंपनी अमेजन का लोगो

नई दिल्ली, पीटीआइ। किशोर बियानी की अगुआई वाले फ्यूचर रिटेल ने सोमवार को संकेत दिये हैं कि वह अपने 24,713 करोड़ रुपये के सौदे का बिना किसी देरी के आगे बढ़ना सुनिश्चित करने के लिए सिंगापुर स्थित मध्यस्थता केंद्र से सौदे को रोकने के मध्यस्थता फैसले को चुनौती दे सकता है। अमेजन डॉट कॉम को अपने भारतीय साझेदार फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ रविवार को एक अंतरिम राहत मिली है। सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर ग्रुप को अपना खुदरा कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेचने से अंतरिम रूप से रोक दिया है। 

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'कंपनी सिंगापुर इंटरनेशनल मध्यस्थता केंद्र (SIAC) द्वारा पारित अंतरिम आदेश की जांच कर रही है, जो कि अमेजन द्वारा फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स के साथ शेयरधारकों के समझौते के तहत दायर मध्यस्थता की कार्यवाही में दिया गया है।'

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड, जो कि बिग बाजार और ईजी डे जैसी रिटेल चेन का संचालन करती है, ने कहा कि वह उस समझौते में पार्टी नहीं है, जिसके तहत अमेजन ने मध्यस्थता कार्यवाई शुरू की है और मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से सौदा वापस नहीं लिया जा सकता है।

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने एक बयान में कहा, 'कंपनी को कानूनी सलाह दी गई है कि एफआरएल या इसके बोर्ड द्वारा उठाए गए कदम, जो कि संबंधित समझौतों के पूर्ण अनुपालन में हैं और सभी हितधारकों के हित में हैं, उन्हें एक समझौते के तहत शुरू की गई मध्यस्थता कार्रवाई में वापस नहीं लिया जा सकता, जिसके लिए एफआरएल एक पार्टी नहीं है।'

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को प्राप्त सलाह के अनुसार, सभी संबंधित समझौते भारतीय कानून और भारतीय मध्यस्थता अधिनियम के प्रावधानों द्वारा शासित हैं। कंपनी ने कहा, 'इस मामले से न्यायाधिकार क्षेत्र के कई विषय उठ खड़े हुए हैं और ये विषय इस मामले की जड़ तक जाते हैं। ' कंपनी ने कहा है कि इस आदेश को एक उचित मंच पर भारतीय मध्यस्थता कानून के प्रावधानों की कसौटी पर कसा जाएगा।' 

कंपनी का कहना है कि वह कानून लागू करवाने की किसी भी कार्रवाई में ऐसे समुचित कदम उठाएगी, जिससे यह प्रस्तावित सौदा बिना किसी परेशानी और विलम्ब के पूरा हो सके।

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