Future Retail ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, कहा- RIL के साथ डील नहीं हुई तो कौड़ियों के भाव बिकेगी कंपनी

Future Retail ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा कि उसने दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ द्वारा जारी आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दाखिल की है। इस याचिका पर जल्द सुनवाई की उम्मीद है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 08:31 AM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 08:31 AM (IST)
Future Retail ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, कहा- RIL के साथ डील नहीं हुई तो कौड़ियों के भाव बिकेगी कंपनी
Future Retail ने पिछले वर्ष अगस्त में आरआरवीएल के हाथों अपना अधिकांश कारोबार बेचने संबंधी सौदा किया था।

नई दिल्ली, पीटीआइ। किशोर बियानी नियंत्रित फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक का आग्रह किया है, जिसमें उसने अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon Inc की याचिका पर एफआरएल को मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के हाथों अपना अधिकांश कारोबार 24,713 करोड़ रुपये में बेचने से रोक दिया था। अपनी याचिका में कंपनी ने कहा है कि अगर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो कंपनी के लिक्विडेशन की नौबत आ जाएगी और उस स्थिति में कंपनी का कोई मोल नहीं मिल पाएगा।

Future Retail ने अपनी याचिका में कहा है कि, 'इससे बैंक कर्ज के रूप में आम जनता की करीब 28,000 करोड़ रुपये की रकम डूबने का खतरा पैदा होगा। इसके साथ ही कंपनी के 35,575 से अधिक कर्मचारियों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी की चुनौती उत्पन्न हो जाएगी।'

Future Retail ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा कि उसने दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ द्वारा जारी आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दाखिल की है। इस याचिका पर जल्द सुनवाई की उम्मीद है।

Future Retail ने पिछले वर्ष अगस्त में आरआरवीएल के हाथों अपना अधिकांश कारोबार बेचने संबंधी सौदा किया था। फ्यूचर ग्रुप की एक कंपनी में वर्ष 2019 में निवेश कर चुकी अमेजन ने इस सौदे पर आपत्ति जताई थी और सिंगापुर स्थित आपात न्यायाधिकरण में गुहार लगाई। वहां फैसला अमेजन के पक्ष में आया, जिसके आधार पर उसने एफआरएल व आरआरवीएल के सौदे पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। दिल्ली हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश की पीठ ने दो फरवरी को सिंगापुर आपात न्यायाधिकरण का तर्क सही ठहराते हुए सौदे पर यथास्थिति का आदेश दिया था।

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