एग्री-कमोडिटी डेरिवेटिव्स के फंड का इस्तेमाल किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा: सेबी
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि एग्री-कमोडिटी डेरिवेटिव्स के फंड का इस्तेमाल किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा। इस फंड के जरिये किसानों को मंडी टैक्स से लेकर भंडारण और परिवहन के मद में हुए खर्च की भरपाई की जाएगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि एग्री-कमोडिटी डेरिवेटिव्स के फंड का इस्तेमाल किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा। इस फंड के जरिये किसानों को मंडी टैक्स से लेकर भंडारण और परिवहन के मद में हुए खर्च की भरपाई की जाएगी। इसका लाभ किसानों के साथ-साथ किसानी उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी उठा सकते हैं। सेबी ने यह निर्णय कमोडिटी डेरिवेटिव्स एडवाइजरी कमेटी (सीडीएसी) के सुझाव पर लिया है।
एग्री-कमोडिटी डेरिवेटिव का कारोबार करने वाले एक्सचेंज को दिए अपने दिशानिर्देश में सेबी ने कहा कि इस फंड का इस्तेमाल केवल किसान व एफपीओ के हितों के लिए होने चाहिए। नियामक ने डेरिवेटिव मार्केट से किसानों को जोड़ने पर भी बल दिया।
अपने निर्णय के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हुए सेबी ने कहा कि भागीदारी में कमी व वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते फंड के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
इस बीच, प्रतिभूति बाजार में 'डाटा कल्चर' की स्थापना के लिए सेबी ने एक समिति का गठन किया है। 20 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष के रूप में माधवी पुरी बुच की नियुक्ति की गई है। समिति को डाटा की निजता व डाटा पहुंच से लेकर डाटा जरूरतों, अभावों और इसका दायरा निर्धारित करने के काम सौंपे गए हैं।