जुलाई में देश की ईंधन खपत में आई 11.7 फीसद की गिरावट, अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं
Fuel Consumption लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद मई और जून में ईंधन खपत में सुधार हुआ। PC Pixabay
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत की ईंधन मांग पटरी पर आने के संकेत देने के बाद फिर से गिर गई है। जुलाई महीने में देश में ईंधन की मांग में गिरावट आई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में देश की ईंधन मांग में 11.7 फीसद की गिरावट आई है। ईंधन खपत से किसी भी देश की आर्थिक गतिविधियों की स्थिति के बारे में पता चलता है। देश की ईंधन खपत में अप्रैल महीने में 45 फीसद की गिरावट आई थी। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों और यातायात के प्रभावित रहने के कारण अप्रैल में देश की ईंधन खपत में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
हांलाकि, लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद मई और जून में ईंधन खपत में सुधार हुआ। इसके बाद कई राज्यों द्वारा संक्रमण रोकने के लिए मिनी लॉकडाउन लागू करने से ईंधन खपत में रिकवरी रुकी है। जुलाई महीने में इससे पिछले महीने की अपेक्षा ईंधन खपत में 3.5 फीसद की गिरावट आई है। जून 2020 में देश में 16.24 मिलियन टन ईंधन खपत हुई थी।
जुलाई में ईंधन खपत गिरकर 15.67 मिलियन टन पर आ गई है। यह एक साल पहले की समान अवधि में हुई 17.75 मिलियन टन खपत की अपेक्षा 11.7 फीसद कम है। देश की कुल ईंधन खपत में करीब 2/5 रहने वाला और परिवहन व सिंचाई में सबसे अधिक उपयोग आने वाले डीजल की खपत जुलाई में एक साल पहले की तुलना में 19.25 गिरकर 5.52 मिलियन टन रही है। तेल मंत्रालय की पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल (PPAC) से यह जानकारी पता लगी है।
जुलाई में हुई डीजल की खपत जून महीने में हुई खपत की तुलना में 6.3 मिलियन टन कम रही है। वहीं, पेट्रोल की मांग जुलाई महीने में एक साल पहले की तुलना में 10.3 फीसद गिरकर 2.26 मिलियन टन रही है। साथ ही जुलाई में पेट्रोल की मांग में जून महीने की 2.28 मिलियन टन की खपत की तुलना में 0.8 फीसद की गिरावट है।