डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी से 25 फीसद बढ़ गई माल भाड़े की दरें, AITWA ने किया दावा
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) के अध्यक्ष ने मंगलवार को बताया कि डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी के चलते परिवहन के सभी प्रकारों में भाड़े की दरें बढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि दरें 25 फीसद बढ़ गई हैं।
नई दिल्ली, एएनआई। देश में इस समय पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपने उच्च स्तर पर हैं। कई शहरों में तो पेट्रोल का भाव 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गया है। ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी से आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है। ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी से माल भाड़े की दरें भी काफी बढ़ गई हैं। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) के अध्यक्ष ने मंगलवार को बताया कि डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी के चलते परिवहन के सभी प्रकारों में भाड़े की दरें बढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि दरें 25 फीसद बढ़ गई हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा, 'फुल ट्रक लोड (FTL) सौदे के लिए पिछले एक साल में माल भाड़ा 25 से 30 फीसद बढ़ गया है। यह डीजल की कीमत में 30 से 35 फीसद की बढ़ोत्तरी होने के चलते हुआ है। एफटीएल सौदा आमतौर पर बड़े ट्रांसपोर्टर्स और कंपनियों के बीच होता है।'
ईधन की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी का ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री पर प्रभाव के बारे में विस्तार से बात करते हुए सिंघल ने कहा, 'इस अत्यधिक प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में हम हमारे ग्राहकों को तत्काल डिलिवर करने में सक्षम नहीं है। हमारे सालाना और छमाही कॉन्ट्रैक्ट होते हैं। अगर खेप हमारे पास छोड़ दी गई है, तो हमारे लिए बाद में क्लाइंट से अधिक शुल्क लेना संभव नहीं है। इसलिए इसका कुछ हिस्सा परिवहन संगठन द्वारा वहन करना पड़ता है और यह हमारी लाभप्रदता को प्रभावित करता है। साथ ही डीजल की कीमत में वृद्धि से हमारी संचालन की लागत बढ़ जाती है, जो हमारी पूंजीगत लागत को बढ़ाती है।'
सरकार से कीमतों में कमी लाने के निवेदन के साथ सिंघल ने कहा, 'महंगाई बढ़ रही है। यह सभी उद्योगों को प्रभावित करने जा रही है। हमारे पास पूरे देश में डीजल की एक कीमत होनी चाहिए, जिससे कि हमें हमारे ट्रकों को सिर्फ उन स्थानों पर नहीं भेजना पड़े, जहां डीजल सस्ता है।'