भारत, मॉरीशस के बीच मुक्त व्यापार समझौता, जानिए दोनों देशो के बीच ट्रेड पर होगा किस तरह का असर

Free Trade Pact भारत और मॉरीशस ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। एक ऑफिशियल बयान में कहा गया है। इस करार के बाद करीब 300 घरेलू उत्पादों को अफ्रीकी देश में रियायती सीमाशुल्क पर मार्केट एक्सेस मिल जाएगा।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 06:44 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:53 PM (IST)
भारत, मॉरीशस के बीच मुक्त व्यापार समझौता, जानिए दोनों देशो के बीच ट्रेड पर होगा किस तरह का असर
केंद्रीय कैबिनेट ने 17 फरवरी को इस समझौते पर हस्ताक्षर को अपनी हरी झंडी दी थी।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और मॉरीशस ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। एक ऑफिशियल बयान में कहा गया है। इस करार के बाद करीब 300 घरेलू उत्पादों को अफ्रीकी देश में रियायती सीमाशुल्क पर मार्केट एक्सेस मिल जाएगा। इनमें कृषि, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेक्टर्स के उत्पाद शामिल हैं। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक कॉमर्स सेक्रेटरी अनूप वाधवन और मॉरीशस के विदेश सचिव (क्षेत्रीय एकीकरण और अंतरराष्ट्रीय व्यापार) हायमनदोयाल डिल्लम ने सोमवार को पोर्ट लुई में इंडिया-मॉरीशस कम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (CECPA) पर सोमवार को हस्ताक्षर किया। 

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इस आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगरनाथ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति में इस करार पर हस्ताक्षर किया गया।  

मंत्रालय ने कहा है कि यह (CECPA) भारत द्वारा किसी भी अफ्रीकी देश के साथ किया गया पहला मुक्त व्यापार समझौता है। यह समझौता जल्द ही प्रभावी हो जाएगा। 

केंद्रीय कैबिनेट ने 17 फरवरी को इस समझौते पर हस्ताक्षर को अपनी हरी झंडी दी थी। इस समझौते के तहत मॉरीशस को भारत में 615 प्रोडक्ट्स के लिए मार्केट एक्सेस मिलेगा। इन प्रोडक्ट्स में फ्रोजेन फिश, स्पेशियालिटी शुगर, बिस्किट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, अल्कोहलिक पेय पदार्थ, साबुन, बैग, मेडिकल और सर्जिकल एक्विपमेंट और अपैरल शामिल हैं।  

मुक्त व्यापार समझौते के तहत दो कारोबारी साझेदार कई उत्पादों पर सीमा शुल्क में कमी करते हैं या उसे खत्म कर देते हैं। साथ ही सर्विसेज ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए नियमों को उदार बनाते हैं।  

यह समझौता दोनों देशों के लिए काफी अहम है क्योंकि 2019-20 में दोनों देशों के बीच का व्यापार घटकर 69 करोड़ डॉलर का रह गया जो वित्त वर्ष 2018-19 में 1.2 बिलियन डॉलर पर रहा था।  

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