FPIs लगातार कर रहे हैं बिकवाली, अकेले सितंबर तिमाही में बाजार से खींचे 900 मिलियन डॉलर

फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) जुलाई महीने के दौरान 330 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इक्विटी के शुद्ध खरीदार थे

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 04:08 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 06:27 PM (IST)
FPIs लगातार कर रहे हैं बिकवाली, अकेले सितंबर तिमाही में बाजार से खींचे 900 मिलियन डॉलर
FPIs लगातार कर रहे हैं बिकवाली, अकेले सितंबर तिमाही में बाजार से खींचे 900 मिलियन डॉलर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सितंबर तिमाही के दौरान भी बिकवाली हावी रही। कच्चेस तेल की ऊंची कीमत और कमजोर रुपए की वजह से चालू खाते का घाटा बढ़ने की आशंका के चलते विदेशी निवेशकों ने इस तिमाही इंडियन इक्विटी मार्केट से 900 मिलियन डॉलर की रकम निकाल ली है।

यह डेटा ऐसे समय में सामने आया है जब फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की ओर से अप्रैल-जून तिमाही के दौरान इक्विटी मार्केट से 3.04 बिलियन डॉलर की निकासी हुई है। यह डेटा मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया की ओर से जारी किया गया है।

वहीं मासिक आधार पर फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) जुलाई महीने के दौरान 330 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इक्विटी के शुद्ध खरीदार थे और अगस्त में यह आंकड़ा 260 मिलियन डॉलर का रहा। हालांकि सितंबर महीने के दौरान वो 1.49 बिलियन डॉलर के शुद्ध बिक्रीकर्ता बन गए। एफपीआई ने सितंबर तिमाही की शुरुआत से ही भारत और अन्य उभरते बाजारों के प्रति सावधान रुख अपनाया है।

इस रिपोर्ट में बताया गया, "शुरुआती तौर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी, डॉलर के मुकाबले रुपये में आया सुधार, प्रोत्साहित करने वाले मैक्रो इंडीकेटर्स, इंडिया इंक की बेहतर कमाई, मिड-स्मॉलकैप स्पेश में करेक्शन और भारत के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का सकारात्मक अवलोकन ने एएफपीआई को भारत में अपने निवेश की वापसी के लिए प्रेरित करने का काम किया है।"

chat bot
आपका साथी