FPI Investment: FPI के तहत अक्टूबर में अब तक हुआ 1,997 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश

एफपीआई ने 1 से 8 अक्टूबर के दौरान इक्विटी में 1530 करोड़ रुपये और डेट सेग्मेंट में 467 करोड़ रुपये का निवेश किया जिससे कुल शुद्ध निवेश 1997 करोड़ रुपये का हो गया। सितंबर में 26517 करोड़ रुपये और अगस्त में एफपीआई 16459 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार थे।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 11:52 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 07:36 AM (IST)
FPI Investment: FPI के तहत अक्टूबर में अब तक हुआ 1,997 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश
FPI अक्टूबर महीने में अब तक 1,997 करोड़ रुपये के निवेश के साथ शुद्ध खरीदार थे।

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) अक्टूबर महीने में अब तक 1,997 करोड़ रुपये के निवेश के साथ शुद्ध खरीदार थे। डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 1 से 8 अक्टूबर के दौरान इक्विटी में 1,530 करोड़ रुपये और डेट सेग्मेंट में 467 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे कुल शुद्ध निवेश 1,997 करोड़ रुपये का हो गया। सितंबर में 26,517 करोड़ रुपये और अगस्त में एफपीआई 16,459 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार थे।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "हाल के हफ्तों में एफपीआई प्रवाह की एक विशिष्ट विशेषता बैंकिंग सेक्टर में आउटफ्लो और आईटी सेक्टर में इनफ्लो की रही है। भले ही आईटी को ज्यादा महत्व दिया जाता है, लेकिन यह क्षेत्र बढ़ते प्रवाह को आकर्षित कर रहा है क्योंकि इस क्षेत्र में अधिक आय देखी गई है। जबकि बैंकिंग क्षेत्र खराब लोन वृद्धि और बढ़ती संपत्ति की गुणवत्ता की चिंताओं से जूझ रहा है।"

मॉर्निंगस्टार इंडिया के मैनेजर रिसर्च विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि, लंबी अवधि के दृष्टिकोण से, भारत एक महत्वपूर्ण और प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बना हुआ है, और यही वह जगह है जहां भारतीय इक्विटी नियमित अंतराल पर एफपीआई प्रवाह को आकर्षित करते रहते हैं, जैसा कि इस सप्ताह स्पष्ट है। प्रवाह में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। बाजार में अब तक के उच्च स्तर के करीब कारोबार होने के कारण एफपीआई द्वारा समय-समय पर मुनाफावसूली से इंकार नहीं किया जा सकता है।

कोटक सिक्योरिटीज के हेड-इक्विटी रिसर्च (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा कि, भारत, फिलीपींस और थाईलैंड ने क्रमशः 624 मिलियन अमरीकी डालर, 29 मिलियन अमरीकी डालर और 121 मिलियन अमरीकी डालर के एफपीआई प्रवाह की सूचना दी है। वहीं दूसरी तरफ ताइवान, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया ने क्रमशः 2,211 मिलियन अमरीकी डालर, 841 मिलियन अमरीकी डालर और 37 मिलियन अमरीकी डालर के एफपीआई आउटफ्लो की सूचना दी है। हालांकि, वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के साथ-साथ वैश्विक मंदी भारतीय तटों में विदेशी प्रवाह को प्रभावित कर सकती है।

हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि, यूएस फेड द्वारा प्रोत्साहन उपायों को कम करने की दिशा में कोई भी निर्देश एफपीआई प्रवाह को उभरते बाजारों में अस्थिर कर देगा और साथ ही यह भारतीय इक्विटी में विदेशी प्रवाह की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होगा।

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