FPI अक्टूबर में अब तक बने हुए हैं शुद्ध खरीदार, उम्मीद से बढ़िया तिमाही नतीजे बनी वजह

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अक्टूबर महीने में अब तक भारतीय बाजाारों में शुद्ध रूप से 17749 करोड़ रुपये निवेश किये हैं। कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर आने के चलते यह निवेश देखने को मिला है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 05:42 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:49 AM (IST)
FPI अक्टूबर में अब तक बने हुए हैं शुद्ध खरीदार, उम्मीद से बढ़िया तिमाही नतीजे बनी वजह
एफपीआई निवेश के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अक्टूबर महीने में अब तक भारतीय बाजाारों में शुद्ध रूप से 17,749 करोड़ रुपये निवेश किये हैं। कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर आने के चलते यह निवेश देखने को मिला है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह खुलने से विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजारों को लेकर बढ़ा भी है। जहां एक तरफ यूरोप और अन्य देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने से दूसरे दौर का लॉकडाउन लगने की आशंका है, वहीं दूसरी तरफ भारत में संक्रमण की दर कम हुई है और आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह खुलने के करीब हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एक अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों में शुद्ध रूप से 15,642 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। इस अवधि में ऋण या बॉन्ड बाजार में एफपीआई ने 2,107 करोड़ रुपये निवेश किये हैं। इस तरह समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई का शुद्ध निवेश 17,749 करोड़ रुपये रहा। इससे पहले सितंबर महीने में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।

ग्रो के सह-संस्थापक व मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) हर्ष जैन के अनुसार, भारतीय बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश ऐसे समय आया है, जब अधिकतर उभरते बाजारों जैसे- ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान व थाइलैंड में 2020 में शुद्ध निकासी देखी जा रही है। जैन ने अनुसार, इससे पता चलता है कि एफपीआई मानते हैं कि तात्कालिक के साथ-साथ दीर्घावधि में भी भारत का प्रदर्शन बढ़िया रहेगा।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया, ‘अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चिंताओं के बीच भारतीय शेयरों में एफपीआई निवेश कर रहे हैं। साथ ही आर्थिक गतिविधियों के सुचारू होने व उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों के कारण भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।’

chat bot
आपका साथी