कर्ज की तंगी के कारण आर्थिक वृद्धि प्रभावित नहीं होनी चाहिए: जेटली

जेटली ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली को साफ सुथरा बनाने के चलते आर्थिक प्रक्रिया प्रभावित नहीं होनी चाहिए

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 12:28 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 09:30 AM (IST)
कर्ज की तंगी के कारण आर्थिक वृद्धि प्रभावित नहीं होनी चाहिए: जेटली
कर्ज की तंगी के कारण आर्थिक वृद्धि प्रभावित नहीं होनी चाहिए: जेटली

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अहम बैठक से ठीक पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि तरलता और कर्ज उपलब्धता की कमी के चलते आर्थिक वृद्धि का गला नहीं घुटना चाहिए। गौरतलब है कि आरबीआई की अहम बैठक 19 नवंबर को प्रस्तावित है।

जेटली ने कहा कि यह जरूरी है कि साल 2008 से 2014 के बीच किए गए सामूहिक पापों के कारण बैंकिंग प्रणाली को साफ सुथरा बनाने के चलते आर्थिक प्रक्रिया प्रभावित नहीं होनी चाहिए। यह वह दौर था जब नियामकीय प्रणाली ने भारी मात्रा में दिए जा रहे कर्ज को नजरअंदाज किया गया था।

एक समारोह के दौरान जेटली ने कहा, "यह काम इस तरह से होना चाहिए जिसमें आप बैंकों की स्थिति को सुधार सकें, जहां तक बैंकिंग प्रणाली की बात है आप इसमें अनुशासन बहाल कर सकें लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि बाजार में नकदी और कर्ज सीमित होने पर आर्थिक वृद्धि को इसका नुकसान नहीं होना चाहिए।"

वित्त मंत्री ने आगे यह भी कहा, "हम एक समस्या के गलत निदान की तलाश कर रहे हैं जबकि इसके सरल निदान आसानी से उपलब्ध हैं।" यह बयान आरबीआई की सोमवार को होने वाली अहम बैठक के ठीक पहले सामने आया है जहां सरकार इस बैठक में रिजर्व बैंक निदेशक मंडल में नामित अपने प्रतिनिधियों के जरिए आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने वाले उपायों पर जोर डालेगी, जिनमें गैर-बैंकिंग क्षेत्र के लिए तरलता बढ़ाने के हेतु विशेष खिड़की सुविधा उपलब्ध कराने, बैंकों की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई नियमों में ढील देने और लघु उद्यमियों को आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने की मांग प्रमुख रुप से शामिल है।

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