वित्त मंत्रालय जल्द ही सार्वजनिक उपक्रमों की जमीनों के मु्द्रीकरण के लिए बनाएगा कंपनी

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा कि इन संपत्तियों को रखने के लिए कंपनी के रूप में एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) स्थापित किया जाएगा जिसका मुद्रीकरण भी किया जाएगा।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 03:09 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 03:09 PM (IST)
वित्त मंत्रालय जल्द ही सार्वजनिक उपक्रमों की जमीनों के मु्द्रीकरण के लिए बनाएगा कंपनी
वित्त मंत्रालय CPSEs की जमीन और गैर-प्रमुख संपत्तियों के हस्तांतरण और बाद में मुद्रीकरण के लिए एक कंपनी स्थापित करेगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्रालय जल्द ही केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों यानी कि CPSEs की जमीन और गैर-प्रमुख संपत्तियों के हस्तांतरण और बाद में मुद्रीकरण के लिए एक कंपनी स्थापित करेगा। इस कंपनी को स्थापित करने के लिए वित्त मंत्रालय जल्द ही मंजूरी लेने के लिए कैबिनेट का रुख करेगा। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से इस खबर की पुष्टि हुई है। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा कि इन संपत्तियों को रखने के लिए कंपनी के रूप में एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) स्थापित किया जाएगा, जिसका मुद्रीकरण भी किया जाएगा।

तुहिन कांता पांडे ने कहा कि, "हम एक ऐसी कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं जो कई सालों तक अधिशेष भूमि और गैर-प्रमुख संपत्ति मुद्रीकरण को संभालेगी। इसके साथ ही यह कंपनी इस तरह के कार्यों में विशेषज्ञ होगी। जैसे ही हमें कैबिनेट की मंजूरी मिलती है, हम जल्द ही इस कंपनी के स्थापित होने की उम्मीद कर सकते हैं।

कंपनी को स्थापित करने के लिए, कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद, वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) को संपत्ति के मुद्रीकरण करने का काम सौंपा जाएगा। सरकार की तरफ से इस वित्त वर्ष में बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड की रणनीतिक बिक्री को समाप्त करने का लक्ष्य बनाया गया है।

सरकार के द्वारा साल 2021-22 के बजट में, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण नीति की घोषणा की गई थी। सरकार की इस घोषणा के मुताबिक, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा के चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर सभी सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जाएगा।

इन सार्वजनिक उपक्रमों में परिवहन और दूरसंचार बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज, बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाएं जैसे उपक्रम शामिल हैं। इन रणनीतिक क्षेत्रों में, सरकार केवल न्यूनतम सार्वजनिक उपक्रमों को ही बनाए रखेगी।

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