COVID-19 से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा दौर बीता, कृषि सेक्टर से है सबसे ज्यादा उम्मीद
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक कृषि क्षेत्र को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से जल्दी और सही समय पर छूट दी गई। (PC Pexels)
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोनावायरस से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा दौर अब संभवतः समाप्त हो गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छे मॉनसून की संभावना के साथ ऐसा लग रहा है कि कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था को उबारने में काफी मददगार साबित होगा। आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से जारी मैक्रो-इकोनॉमिक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार और केंद्रीय बैंक की ओर से समय रहते उठाए गए कदमों से देश की अर्थव्यवस्था अब रिकवरी की राह पर है। हालांकि, कोविड-19 के बढ़ते मामलों एवं कई राज्यों में लॉकडाउन की वजह से जोखिम पूरी तरह से टला नहीं है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश अब अनलॉक के चरण में हैं। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था का सबसे खराब दौर अब बीत चुका है। हालांकि, कोविड-19 के मामलों में इजाफा और इसकी वजह से कई राज्यों द्वारा कुछ-कुछ दिनों के लिए लगाए जा रहे लॉकडाउन से सुधार की संभावनाओं पर असर पड़ रहा है। ऐसे में निरंतर इस चीज की निगरानी किए जाने की जरूरत है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय की इस रिपोर्ट में कृषि सेक्टर को लेकर काफी अधिक भरोसा जताया गया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के झटकों से उबारने में कृषि क्षेत्र की भूमिका अहम रहेगी। मंत्रालय की इस रिपोर्ट के मुताबिक कृषि क्षेत्र को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से जल्दी और सही समय पर छूट दी गई। इससे रबी फसलों की कटाई समय पर हो सकी। इसके अलावा खरीफ फसलों की बुवाई भी समय पर हो पायी।
रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा गेहूं की रिकॉर्ड खरीद से देश के अन्नदाताओं के हाथों में 75,000 करोड़ रुपये आए हैं। इससे देश के ग्रामीण इलाकों में निजी उपभोग में बढ़ोत्तरी में मदद मिलेगी।